कोरांव में मरीजों को नहीं मिल रहा समुचित इलाज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी-इमारत भी जर्जर  

कोरांव में मरीजों को नहीं मिल रहा समुचित इलाज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी-इमारत भी जर्जर  

कोरांव/नैनी/प्रयागराज, अमृत विचार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरांव में मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे डॉक्टरों की कमी होना बड़ा कारण है। साथ ही स्वास्थ्य केंद्र का भवन भी जर्जर हालत में है। ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  जनपद प्रयागराज से 80 किलोमीटर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। जहां 115 गांव के लोगों का इलाज किया जाता है। 30 बेड के इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं संसद सदस्य विश्वनाथ प्रताप सिंह व स्वास्थ्य मन्त्री लोकपति त्रिपाठी  के द्वारा किया गया था। 

वर्तमान में ये स्वास्थ्य केंद्र रखरखाव के अभाव में समुचित सेवाएं नहीं दे पा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल तीन पुरुष व एक महिला डाक्टर तैनात हैं। जबकि बाल रोग, हड्डी रोग विशेषज्ञ तथा सर्जन की आज तक नियुक्ति नहीं हो सकी। इससे दुर्घटना में घायल लोगों को प्रयागराज भेजना पड़ता है। वहीं रोज 250 से 300 मरीजों तक की ओपीडी संचालित होती है। बता दें कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पूर्व में विधायक राजमणि कोल ने गोद लिया था, लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल में भी इसकी हालत नहीं सुधरी। 

स्वास्थ्य केंद्र के भवन की छत टपक रही है, जिससे मरीजों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर परिसर में स्थित आवासों की दशा दयनीय है, जो कभी भी गिर सकते हैं। इस सम्बन्ध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ शमीम अख्तर से बात करने पर बताया गया कि बैठक में जिलाधिकारी प्रयागराज को समस्या से अवगत करा दिया गया है। इस सम्बन्ध में विधायक राजमणि कोल से बात करने पर कहा गया कि अधीक्षक से कह दें कि हमको पत्र बनाकर भेज दें। मैं जल्द ही  मुख्यमंत्री से मिलकर प्रस्ताव पास करवा दूंगा। पैसा पास हो जाने पर मरम्मत करवा दी जाएगी।

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