गोंडा: शक्तिपीठ मां वाराही मंदिर में कब्जेदारी को लेकर दो पक्ष आमने सामने, प्रशासन ने संभाला मोर्चा

गोंडा: शक्तिपीठ मां वाराही मंदिर में कब्जेदारी को लेकर दो पक्ष आमने सामने, प्रशासन ने संभाला मोर्चा

गोंडा, अमृत विचार। उनकी बेगम थाना क्षेत्र स्थित शक्तिपीठ मां वाराही देवी मंदिर पर पूजा पाठ करने और कब्जेदारी को लेकर शनिवार को दो पक्ष आमने सामने आ गए‌। इससे मंदिर परिसर मैं अफरा तफरी मच गयी। हालात बिगड़ते इसके पहले की पुलिस व प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंच गए और दोनो पक्षों को समझा बुझाकर स्थिति को काबू में किया। इस सतर्कता से एक बड़ी घटना टल गयी। प्रशासन ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर मामले का समाधान कराने का भरोसा दिया है। 

उमरीबेगमगंज थाना क्षेत्र स्थित मां वाराही देवी मंदिर पर पूजा पाठ को लेकर दो पक्षों के बीच काफी दिनों विवाद चल रहा है। यह विवाद मालिकाना हक को लेकर भी है‌। इसी विवाद को लेकर शनिवार की सुबह 5 बजे जैसे ही मां वाराही मंदिर ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी और महंत साध्वी रामा ने मंदिर का कपाट खोला तो दूसरे पक्ष की महिलाओं ने मंदिर में घुसकर कब्जा करने की कोशिश की।  दोनों पक्षों में तीखी नोंकझोंक होता देख मंदिर गए श्रद्धालुओं में अफरा तफरी मच गयी। सूचना पुलिस प्रशासन तक पहुंची तो तत्परता दिखाते हुए प्रभारी निरीक्षक को उमरीबेगमगंज नरेंद्र प्रताप राय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होने स्थिति को संभालते हुए दोनों पक्षों को अलग कराया। कुछ देर बाद ही एसडीएम तरबगंज विशाल कुमार भी मौके पर पहुंच गए। उन्होने दोनों पक्षों को शांत कराया और दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर विवाद का निपटारा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोग मंदिर से जाने को राजी हुए। इस बाबत एसडीम तरबगंज विशाल कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा।  आपसी समझौते से विवाद को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। तब तक साध्वी रामा पूर्व की भांति पूजा अर्चना करती रहेगी। 

51 शक्तिपीठों में से एक है मां वाराही देवी का मंदिर 
उमरीबेगमगंज स्थित मां वाराही देवी का मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है‌। यहां पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मां का दर्शन पूजन करते हैं। यहां आने वाले भक्तों की सभी मुरादें माता पूरा करती हैं। मान्यता है कि मंदिर में देवी मां को कृत्रिम आंख चढ़ाने से आंख की खराबी दूर हो जाती है‌। मां के पिंडी वाले स्थान पर जमीन के नीचे सदैव एक ज्योति प्रज्वलित होती रहती है। कहा जाता है कि इसके ओर छोर का अंत नहीं है‌।

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