नैनी जेल में बंदी ने नहीं किया काम तो नंबरदार ने तोड़ दिया हाथ!, मुलाकात के बाद रोती रही मां

नैनी जेल में बंदी ने नहीं किया काम तो नंबरदार ने तोड़ दिया हाथ!, मुलाकात के बाद रोती रही मां

प्रयागराज, अमृत विचार। कारागार में बंदियों को सुधारने का प्रयास किया जाता है। यहां बंदियों के साथ मानवीय व्यवहार कर उनके आचरण में सुधार लाया जाता है, लेकिन शायद यह सिर्फ सुनने में ही अच्छा लगता है। प्रदेश की प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल की शाखा जिला जेल में एक बंदी का हाथ तोड़ने का मामला सामने आया है। जहां बंदी के काम न करने पर वहां के नंबरदार ने बंदी का हाथ तोड़ दिया। इस बात की जानकारी तब हुई जब बंदी के परिजन उससे मुलाक़ात करने नैनी जिला जेल पहुंचे। मुलाक़ात के बाद बंदी की मां जेल के बाहर बैठकर बेटे के दर्द को लेकर बिलखती रही।

नैनी जिला जेल में बीते डेढ़ माह पहले मांडा थाने के मिश्रपुर गांव का रहने वाले रवि पुत्र छयबर नाथ (19) वर्ष छेड़खानी के मामले में जेल भेज दिया गया था। वह डेढ़ महीने से जिला जेल में बंद है। गुरुवार को उसकी मां शांती देवी और बहन संजू उससे मुलाक़ात करने के लिए नैनी जिला जेल पहुंचे थे। जहां दूसरी शिफ्ट में मुलाक़ात कर बाहर आने के बाद मां शांती फूट फूट कर रोने लगी। पूछने पर बताया कि जेल के अंदर बेटे रवि को काम न करने पर नंबरदारों ने बहुत पीटा है। उसका हाथ तोड़ दिया है। उसके हाथ में सूजन आ गई है। मां ने बताया कि इस बारे में वहां रहे सिपाहियों से भी बात किया लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। बहन संजू ने बताया कि भाई डेढ़ महीने पहले ही जेल भेजा गया है। यहां पर उसे काम करने को लेकर पीटा गया है। मां ने इस बात को अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही है। 

वर्जन- 
जेल मे किसी बंदी को नहीं पीटा गया है। बंदी की मां आये दिन इसी तरह से रोती है। बंदी को पीटने की बात गलत है। अगर ऐसा है तो इसकी जानकारी की जाएगी। -शैलेन्द्र प्रताप सिंह
प्रभारी अधीक्षक, जिला कारागार, नैनी प्रयागराज।

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