डार्कनेट पर डाला UGC-NET का पेपर...एक दिन पहले ही हुआ था लीक, CBI का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। यूजीसी नेट का पेपर लीक होने के बाद स्टूडेंट्स में आक्रोश है, सरकार भी मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सीबीआई के हाथों जांच के लिए ये केस सौंप चुकी है। वहीं सीबीआई ने जांच में अहम खुलासा किया है। सीबीआई ने जांच में पाया कि नेट का पेपर एग्जाम से एक दिन पहले ही लीक हो गया था और उसे डार्कनेट पर अपलोड किया गया, जिससे शातिर पकड़ा न जा सके।
गृह मंत्रालय के जरिए मिली जानकारी
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नेट में गड़बड़ी होने की जानकारी गृह मंत्रालय से मिली। जानकारी मिलते ही पेपर होने के अगले दिन ही रद्द कर दिया गया। पेपर लीक मामले जांच बारीकी से हो सके, इसके लिए जिम्मा सीबीआई को सौंपा दिया। सीबीआई ने भी आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वहीं सीबीआई एनटीए और अन्य एजेंसियों के संपर्क में बनी हुई है। जल्द ही पूरा मामला खुलने की उम्मीद है।
जानिए क्या है डार्कनेट?
डार्कनेट इंटरनेट का वह हिस्सा है, जो एनक्रिप्टेड नेटवर्क पर मौजूद है। इसे ऐक्सेस करने के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर, ऑथराइजेशन और कंन्फिगरेशन की जरूरत होती है।
डार्कनेट को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स भी नहीं किया जाता है और इसलिए यहां पर किसी की जानकारी पता नहीं लग पाती है। यह यूजर्स को नकली सामान, चोरी किये गए डेटा, ड्रग्स, हथियार और अवैध सर्विसेज बेचने जैसी गलत कामों में शामिल होने की अनुमति देता है। हालांकि, डार्कनेट पर हो रही सारी एक्टिविटी अवैध नहीं होती है। यहां प्राइवेसी प्रोटेक्शन, बिना नाम के कम्यूनिकेशन और सेंसरशिप जैसे वैध उद्देश्यों वाले काम भी होते हैं।
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