सुनीता केजरीवाल का दावा, ईडी ने मुख्यमंत्री के जमानत आदेश को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड होने से पहले ही दे दी चुनौती
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके पति के जमानत संबंधी आदेश को, उसकी प्रति निचली अदालत की वेबसाइट पर अपलोड होने से पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उच्च न्यायालय में चुनौती दे दी।
दक्षिणी दिल्ली के भोगल इलाके में लोगों को संबोधित करते हुए सुनीता केजरीवाल ने कहा कि देश में तानाशाही की सभी हदें पार हो चुकी हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ एक 'वांछित आतंकवादी' जैसा व्यवहार किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने हरियाणा से प्रतिदिन ‘उसके हिस्से का’ पानी छोड़े जाने की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार को दक्षिण दिल्ली के भोगल इलाके में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की।
इस दौरान आतिशी के साथ मौजूद सुनीता केजरीवाल ने कहा, ''निचली अदालत की वेबसाइट पर जमानत आदेश अपलोड होने से पहले ही ईडी ने इसे रोकने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। देश में तानाशाही ने सारी हदें पार कर दी हैं। हालांकि, उच्च न्यायालय का आदेश आना अभी बाकी है। हमें उम्मीद है कि अदालत न्याय करेगी।"
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर तब तक रोक लगा दी है, जब तक कि वह प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेता जिसमें कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल को मिली राहत को चुनौती दी गई है। ईडी ने न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन और न्यायमूर्ति रविन्द्र डुडेजा की पीठ के समक्ष निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका का उल्लेख किया।
ये भी पढे़ं- दिल्ली जल संकट: हरियाणा से अधिक पानी की मांग के लिए आतिशी ने शुरू की भूख हड़ताल