अमृत सरोवर योजना: अभिलेखों में भरा पानी, हकीकत में कूड़े से पटा तालाब, तड़प रहे मवेशी

अमृत सरोवर योजना: अभिलेखों में भरा पानी, हकीकत में कूड़े से पटा तालाब, तड़प रहे मवेशी

बारा/नैनी, प्रयागराज, अमृत विचार। इस भीषण गर्मी में पानी की सभी को आवश्यकता है। फिर चाहे वह इंसान हो या मवेशी। लेकिन यहां प्रयागराज में पानी की विकराल समस्या बनी है। सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार अमृत सरोवर योजना सिर्फ कागजी अभिलेखों में ही चल रही है। लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी अमृत सरोवरों में पानी की बूंद के बजाय कूड़ों का ढेर दिखाई दे रहा है।

मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत 24 अप्रैल 2022 को की गई थी। जबकि इसे 15 अगस्त 2023 को पूरा कर लिया गया। मिशन का उद्देश्य सिर्फ इतना था कि सभी जनपदों जुट 75 अमृत सरोवर तालाब का विकास कराना था। पूरे देश की बात करे तो लगभग 50,000 अमृत सरोवर होंगे। जिसमे कई ऐसे सरोवर है जिनका विकास सिर्फ अभिलेखों में है किया गया है।

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प्रयागराज जनपद के यमुना नगर क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड जसरा, कौंधियारा व शंकरगढ़ क्षेत्र के कई ग्राम सभाओं में अमृत सरोवर योजना पूरी तरह से दफन हो चुकी है। योजना के अंतर्गत तालाब तो बनवाये गए, लेकिन यह अमृत सरोवर तालाब कूड़ा भंडारण बना दिया गया। यहां तालाब में पानी के बदले कूड़ों का ढेर पड़ा हुआ है।

संबंधित अधिकारी व ग्राम प्रधानों की मनमानी और धांधली के कारण‌ यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है। जसरा विकासखंड के रिगवा, कांटी, देवरियां, कूड़ी, असरवई, सहित अन्य ग्रामसभा में बने अमृत सरोवरों में पानी की एक बूंद भी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ कौंधियारा विकासखंड के अंतर्गत आम्बां, माहीं, देवरा, कौंधियारा, अकोढा, गौरा, मझिगवां, बेनीपुर, कुलमई, ग्राम सभाओं में बने अमृत सरोवर योजना सिर्फ अभलेखो में चल रही है।

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आरोप है कि कागजी निर्माण कार्य ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारी की मिली भगत से कराया गया है। जबकि शंकरगढ़ विकास खंड में ग्राम पंचायत करिया कला, नारीबारी, जूही, शिवराजपुर, पूरे बघेल, लोहरा, भगदेवा, बसहरा सहित अन्य ग्राम पंचायतों में बने अमृत सरोवर को कागज़ी अभिलेखों में बेहद सुंदर और भव्य बनाया गया है, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है।

अमृत सरोवर योजना से किसी को लाभ मिला हो या न मिला हो। विभागीय अधिकारियों को इसका लाभ जरूर मिला है। यमुना नगर के कुछ ऐसे सरोवर है जहां नाम तो है अमृत सरोवर, लेकिन वहां अमृत के बजाय कूड़ों का अम्बार लगा है। मवेशी उस सरोवर मे पानी की बूंद को तलाश रहे है। मवेशियों को इस गर्मी में पानी नसीब नही हो रहा है। जिससे पानी के बिना मवेशियों की तड़पकर मौत भी हो रही है। 

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क्या बोले ग्रामीण...

नाचना गांव के रहने वाले अनिल यादव ने बताया कि ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी सरकार की योजनाओं को कागजों पर तैयार करवा कर सरकारी धन का बंदरबांट कर रहे हैं। वहीं शिवराजपुर के रहने वाले राजकुमार ने बताया कि ग्राम प्रधान अपने निजी स्वार्थ के लिए कागजों पर अमृत सरोवर तालाबों को भावी स्वरूप प्रदान किए गए हैं।

हकीकत यह है कि अमृत सरोवर में पानी  न होने से इनमें केवल धूल उड़ रही है। ग्रामीण विजय नारायण शुक्ल ने बताया कि यह तालाब नारीबारी क्षेत्र की जीवन रेखा था। तालाब के सूखने से जलस्तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं विजय शंकर मिश्रा ने लेकर बताया कि कई ग्राम प्रधान तो अमृत सरोवर तालाब में जेसीबी मशीन लगाकर के तालाब की मिट्टी बेचने का ही कार्य कर रहे हैं।

अमृत सरोवर में कमल से बनती थी शोभा

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के शुरु किये  गये अमृत सरोवर योजना की बात करे तो पहले अमृत सरोवर में कमल खिलने से ही शोभा बढ़ती थी। लाखों रुपए खर्च करने पर भी नारीबारी के गाटा संख्या एक पर बना दस बीघे का अमृत सरोवर अमृत की जगह कूड़े की ढेर और गंदगी में तब्दील हो गया है।  2023/24 में 22 लाख 9 हजार 115 रुपए की लागत से बनाया गया अमृत सरोवर की सीढ़ीया टूट चुकी है। सीमेंट की जगह सिर्फ रेत उड़ती दिखाई देती है। सरोवर के बांध पर बनाई गई सड़क धंस गई है।

राम विलास राय, खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़

नहरें न चलने और बारिश न होने से सरोवर सूख गए हैं। नारीबारी के अमृत सरोवर को जल निगम से जोड़ा गया है। जलागम मार्ग अवरुद्ध होने से सरोवर में जलनिगम का फिल्टर पानी नहीं आ पा रहा है। इस बाबत विभागीय अभियंता से बात कर जलागम मार्ग को खुलवाया जा रहा है। अमृत सरोवर में हुई किसी भी वित्तीय अनियमितता की जांच कराया जाएगा।

अमृत सरोवर में निर्माण कार्य में अनियमितता और सरोवर में पानी भरने के सम्बन्ध में ब्लॉक को तालाबों में निर्माण सहित पानी भरने का कार्य करवाना है। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। इस पर जांच कराई जाएगी..., दिग्विजय सिंह, उपजिलाधिकारी, बारा।

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