बरेली: अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज बनाने का किया था दावा...अब जांच कराने को तैयार नहीं, जानिए पूरा मामला

बरेली: अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज बनाने का किया था दावा...अब जांच कराने को तैयार नहीं, जानिए पूरा मामला

बरेली, अमृत विचार: स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से राइफल क्लब में सात करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग तैयार करने का दावा किया गया था लेकिन यहां घटिया उपकरण लगाए जाने की शिकायत के बाद अब उनकी जांच कराने से भी कदम पीछे खींचे जा रहे हैं। उप्र स्टेट राइफल एसोसिएशन की ओर से जनवरी में ही विशेषज्ञों की टीम गठित कर जिला प्रशासन को उपकरणों की जांच के लिए तिथि निर्धारित करने के लिए पत्र भेजा गया था। प्रशासन की ओर से अब तक उसका जवाब तक नहीं दिया गया है।

स्मार्ट सिटी के तहत राइफल क्लब में अत्याधुनिक शूटिंग रेंज तैयार करने के लिए सात करोड़ की लागत से उसकी बिल्डिंग के पुनर्निर्माण से लेकर कथित तौर पर उसमें हाईटेक उपकरण तक लगाए गए हैं। निर्माण शुरू होने के बाद से ही यह शूटिंग रेंज और उसे तैयार कराने वाले लोग सवालों में घिरे हुए हैं। पहला विवाद शूटिंग रेंज को घनी आबादी में बना दिए जाने पर खड़ा हुआ और इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका तक दायर की गई। 

इसके बाद इस शूटिंग रेंज में हथियार और टारगेट जैसे उपकरणों की खरीद में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोटर्स फेडरेशन की ओर से निर्धारित मानकों का पालन न किए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। इस मामले में शासन से लेकर उत्तर प्रदेश राइफल एसोसिएशन तक तमाम शिकायतें की गई थीं।

उप्र स्टेट राइफल एसोसिएशन की जनवरी में हुई बैठक में बरेली राइफल क्लब में हुई कथित गड़बड़ियों पर चर्चा के बाद विशेषज्ञों की टीम गठित कर यहां शूटिंग रेंज में लगाए गए उपकरणों और हथियारों की जांच कराने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह में बरेली प्रशासन को पत्र लिखकर इस जांच के लिए तिथि निर्धारित करने का अनुरोध किया गया लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया है।

उपकरणों और हथियारों की जांच के लिए गठित की थी पांच विशेषज्ञों की कमेटी
उप्र स्टेट राइफल एसोसिएशन की जनवरी में हुई बैठक में ही बरेली में स्मार्ट सिटी की शूटिंग रेंज की जांच के लिए वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीप मधोक के नेतृत्व में पांच विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर दी गई थी। मधोक के अलावा इसमें उपाध्यक्ष नवाब साद बिन आसिफ, संयुक्त सचिव एके कौशल, गवर्निंग बॉडी के सदस्य सत्येंद्र सिंह चौहान और टेक्निकल मेंबर सय्यद सादिक अनीस को नामित किया गया था। 

इस टीम को सत्यापन कर सुनिश्चित करना था कि बरेली की शूटिंग रेंज में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोटर्स फेडरेशन की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप फेस-3 के उपकरणों को ही लगाया गया है। यह कमेटी पांच महीने से प्रशासन की अनुमति मिलने का इंतजार कर रही है।

बरेली की शूटिंग रेंज यूपी में महत्वपूर्ण लेकिन मानकों की वजह से फंसा पेच
उप्र राइफल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार यूपी में अंतर्राष्ट्रीय मानक वाली शूटिंग रेंज की कमी है जिसे बरेली में बनी शूटिंग रेंज से पूरा किया जा सकता है बशर्ते उसका मानकों के हिसाब से निर्माण किया जाए।

महासचिव जीएस सिंह का कहना है कि निशानेबाजों का प्रदर्शन बेहतर करने के लिए एसोसिएशन लगातार प्रतियोगिताएं करा रही है। बरेली में बनी शूटिंग रेंज एयर पिस्टल के साथ शॉटगन शूटिंग के लिए उपयुक्त हो सकती है लेकिन शिकायत की गई है कि शूटिंग रेंज के लिए उपकरण स्थानीय कंपनियों से खरीदकर आईएसएसएफ के मानकों की अनदेखी की गई है। 

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के आर्म्स एक्ट में भी स्टेट एसोसिएशन से शूटिंग रेंज का सत्यापन कराने का जिक्र है, इसी आधार पर बरेली के प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखा गया था। खिलाड़ियों का हित ध्यान में रखकर बरेली प्रशासन को एसोसिएशन के सुझाव पर विचार करना चाहिए।

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