Kanpur News: अब ऑनलाइन होगी गवाही, कोर्ट जाने की जरूरत नहीं...इस तरह उठाएं सुविधा का लाभ
एक जुलाई से न्यायिक प्रक्रिया में देशभर में नई व्यवस्था लागू होने जा रही
कानपुर, अमृत विचार। एक जुलाई से न्यायिक प्रक्रिया में देशभर में नई व्यवस्था लागू होने जा रही है जिसके तहत अब गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं होगी। गवाह किसी भी शहर, जिले, प्रदेश में हो, वह वहीं से वीडियो कांफ्रेसिंग बूथ के जरिये गवाही दे सकेगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में वीडियो कांफ्रेंसिग बूथ बनाए जाएंगे। हालांकि कानपुर में यह सुविधा पहले से ही शुरू हो चुकी है। अभी तक यह व्यवस्था नियमावली के तहत हो रही थी, अब नई संहिता में इसको विधिक उपबंध के रूप में स्थापित किया गया है, जो एक जुलाई लागू होगा।
अब तक किसी भी मामले में बयान देने के लिए साक्षियों को कोर्ट में हाजिर होना पड़ता है। कई बार गवाह, वादकारी मजबूरीवश कोर्ट में पेश नहीं हो पाते। इसके अलावा बयान देने के लिए लोग काम-धंधा छोड़ कर एक शहर से दूसरे शहर के चक्कर काटते थे, जिस कारण न्यायिक प्रक्रिया में भी देरी होती थी।
एक जुलाई से लागू होने वाली भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में यह व्यवस्था की गई है कि आप अपने शहर में वीडियो कांफ्रेंसिग बूथ में बैठकर ही गवाही दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले में वीडियो कांफ्रेसिंग बूथ बनाए जाएंगे। हालांकि कानपुर में वर्ष 2021-22 में ही ऑनलाइन गवाही शुरु करा दी गई थी। कानपुर में एडीसीपी मनीष सोनकर को इस व्यवस्था का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इस तरह उठाएं सुविधा का लाभ
संयुक्त निदेशक (अभियोजन) कुंवर विक्रम सिंह ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग नियमावली 2020 के अनुसार हर जिले में वीडियो कांफ्रेंसिंग बूथ गठित किए जाएंगे, जो न्यायालय परिसर में भी होंगे और जिला मजिस्ट्रेट अथवा जनपदीय पुलिस कार्यालय में भी। बूथ पर कोआर्डिनेटर लेवल का एक अधिकारी होगा, जो यह तय करेगा कि गवाही देने वाला व्यक्ति वही है जिसके लिए समन जारी किया गया है। इसी अधिकारी के माध्यम से साक्षी अन्य जनपद की न्यायालय को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने की सूचना भेजेगा।
कुछ इस तरह होगी गवाही
संयुक्त निदेशक (अभियोजन) ने बताया कि गवाह अपने बूथ कोआर्डिनेटर से संपर्क कर वीडियो कांफ्रेंसिंग के संबंध में नियमावली में दिया गया फार्म भरेगा। जिसमें मोबाइल, ईमेल आईडी आदि देगा। यह सब कार्यवाही करने के बाद बूथ कोआर्डिनेटर के माध्यम से कोर्ट को भेजा जाएगा। इसके बाद कोर्ट बयान के लिए तिथि व स्लॉट निर्धारित करेगी। यह सब चीजें गवाह को निर्धारित तिथि से पहले उपलब्ध करा दी जाएंगी। गवाह निर्धारित तिथि पर बूथ कोआर्डिनेटर से संपर्क करेगा।
कोरोना महामारी के दौरान वर्ष 2020 में वीडियो कांफ्रेंसिंग से बयान या पेशी की नियमावली लाई गई थी। अभी तक यह व्यवस्था नियमावली के तहत है, अब नई संहिता में इसको विधिक उपबंध के रूप में स्थापित किया गया है, जो एक जुलाई लागू होगा।- कुंवर विक्रम सिंह, संयुक्त निदेशक (अभियोजन)
ये भी पढ़ें- Kanpur Weather: 29 साल में सबसे ज्यादा गर्म रही 31 मई, पारा पहुंचा 46 के पार, अलग-अलग स्थानों पर पड़े मिले इतने शव