जेल, जमानत और जनतंत्र से जीतेंगे जनता के जज्बात! दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के प्रचार से कितनी बदलेगी चुनावी तस्वीर?
चुनाव डेस्क, अमृत विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अक्सर यह आरोप लगाया जाता रहा है कि वह मीडिया में हेड लाइन मैनेजमेंट करने में महारथ रखते हैं, तो इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कम नहीं है, मीडिया में हाईप पाना और चर्चा में बने रहना उन्हें खूब आता है। अंतरिम जमानत पर बाहर आते ही उन्होंने अपनी इस सियासी कला का नमूना पेश भी कर दिया। दिल्ली में तमाम लोगों ने इसे लेकर कहा कि ‘अब रायता फैल गया है’।
केजरीवाल का चुनावी प्रचार दिल्ली में जनता के जज्बात पर कितना असर डालेगा और आप-कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को कितना बल प्रदान करेगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन इतना तय है कि आप कार्यकर्ताओं को बूस्टर डोज वाला टॉनिक जरूर मिल गया है। वर्ना अभी तक केजरीवाल की पत्नी सुनीता जहां सहानुभूति की चादर ओढ़े रोड शो कर रही थीं, वहीं पार्टी के नेता ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान छेड़े हुए थे।
जाहिर है, केजरीवाल के बाहर आने के बाद अब गठबंधन नए सिरे से चुनावी रणनीति बनाने में जुट गया है, जिसका असर अगले दो-तीन दिन में जमीन पर नजर भी आने लगेगा। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या केजरीवाल 25 मई को होने वाले मतदान से पहले उतने मत प्रतिशतों का इंतजाम कर पाएंगे, जितने दिल्ली में भाजपा को हराने के लिए जरूरी हैं। फिलहाल, केजरीवाल के प्रचार से इंडिया गठबंधन को कुछ फायदा होने की उम्मीद भले लगाई जा रही हो, लेकिन इससे कांग्रेस को पंजाब में नुकसान भी संभावित है, जहां आप और कांग्रेस दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।