भाजपा ने वार्ड समिति चुनाव में आप को हराकर एमसीडी में दबदबा बनाया, महापौर ने परिणाम को अमान्य बताया

 भाजपा ने वार्ड समिति चुनाव में आप को हराकर एमसीडी में दबदबा बनाया, महापौर ने परिणाम को अमान्य बताया

नई दिल्ली।  दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में बुधवार को जोन वार्ड चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी को हराया तथा एमसीडी की सबसे बड़ी निर्णय लेने वाली संस्था स्थायी समिति में अपना दबदबा बना लिया। कड़े मुकाबले में भाजपा ने 12 जोन में से सात में जोन स्तरीय वार्ड समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा स्थायी समिति में एक-एक सीट जीत ली जबकि आप पांच जोन पर ही सिमट गयी।

वार्ड समिति के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति से इनकार कर चुकीं दिल्ली की महापौर शैली ओबरॉय ने बुधवार को कहा कि यह चुनाव ‘‘अमान्य’’ समझा जाएगा। पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती के बीच चुनाव सुचारु रूप से संपन्न हो गया। यह एक दुर्लभ नजारा था, क्योंकि 2022 में स्थायी समिति का चुनाव कराने की एमसीडी की कोशिश विफल रही थी और तब पार्षदों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

मंगलवार शाम तक वार्ड समिति के चुनाव को लेकर अनिश्चितता छायी थी क्योंकि ओबरॉय ने यह कहते हुए चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति से इनकार कर दिया था कि उनका विवेक ‘‘अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया’’ में हिस्सा लेने की उन्हें अनुमति नहीं देता है।

हालांकि, आखिरी घड़ी में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंगलवार देर रात एमसीडी आयुक्त से सभी जोन के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित करने की अधिसूचना जारी करने को कहा और फिर चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया। सक्सेना ने उन्हें मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर ऐसा किया। उससे पहले मंगलवार को एक केंद्रीय गजट अधिसूचना में उन्हें किसी प्राधिकार, बोर्ड या आयोग को गठित करने की पूर्ण शक्तियां प्रदान की गयी थीं। स्थायी समिति में भविष्य में टकराव का संकेत देते हुए ओबरॉय ने एमसीडी आयुक्त को भेजे नये पत्र में कहा कि चुनाव के परिणाम ‘‘अमान्य’’ समझे जायेंगे।

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा की गयी नियुक्तियां कानून सम्मत नहीं है और उसने ‘‘महापौर की शक्तियों का अतिक्रमण किया है।’’ इस बीच, परिणाम आने पर मध्य दिल्ली में एमसीडी मुख्यालय में खुशियां मनायी जाने लगीं। जीतने वाली पार्टी के पार्षद विजयी उम्मीदवार को माला पहनाते हुए नजर आये। करोल बाग, सिटी एसपी जोन में चुनाव नहीं हुए क्योंकि भाजपा ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे।

वहीं, केशवपुर में चुनावी रण में केवल भाजपा ही थी। भाजपा ने नरेला, सिविल लाइंस, केशवपुरम, शाहदरा उत्तरी, नजफगढ़, शाहदरा दक्षिण और सेंट्रल जोन में जीत हासिल की जबकि आप ने करोल बाग, पश्चिम, दक्षिण, सिटी एसपी और रोहिणी जोन में विजय हासिल की। हाल में आप से भाजपा में गये पवन सहरावत और सुगंधा ने नरेला और सेंट्रल जोन से वार्ड समितियों के अध्यक्ष पद पर क्रमशः जीत हासिल की। सिविल लाइंस जोन में आप और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर नजर आयी।

भाजपा ने एक-एक वोट के अंतर से सभी तीनों पद पर जीत दर्ज की। अनिल कुमार त्यागी ने 10 वोट पाकर अजीत सिंह यादव को हराया। इसी तरह रेखा ने अपने प्रतिद्वंद्वी गगन चौधरी को हराया। उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर और एमसीडी में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने आप की प्रोमिला गुप्ता को हराया। सिंह को 10 जबकि गुप्ता को नौ वोट मिले। करोल बाग जोन से आप पार्षद राकेश जोशी को वार्ड समिति का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है जबकि ज्योति गौतम और अंकुश नारंग को क्रमश: उपाध्यक्ष पद तथा स्थायी समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है।

भाजपा ने यहां अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसी तरह से सिटी एसपी जोन में भाजपा के उम्मीदवार नहीं उतारे जाने के कारण आप उम्मीदवारों मोहम्मद सादिक, किरण बाला और पुनरदीप सिंह साहनी को निर्विरोध क्रमश: वार्ड समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्य के तौर पर चुना गया। केशवपुरम जोन में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए।

दक्षिण जोन में क्रॉस वोटिंग के कारण भाजपा और आप के बीच बराबरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी। ऐसे में लॉटरी के माध्यम से आप ने जोन के अध्यक्ष का पद जीता। पार्टी प्रत्याशियों ने अध्यक्ष एवं स्थायी समिति के सदस्य पदों पर विजय हासिल की। रोहिणी में आप की सुमन अनिल राणा ने भाजपा की अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराकर अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की जबकि उपाध्यक्ष एवं स्थायी समिति के सदस्य पदों पर भाजपा के अपने उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के कारण इन पदों पर धर्मरक्षक और दौलत ने जीत दर्ज की।

पश्चिम जोन में भाजपा उम्मीदवारों ने तीनों पदों के लिए अपने नाम वापस ले लिए। शाहदरा उत्तरी जोन में भाजपा उम्मीदवार अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों को पराजित कर विजयी हुए। वार्ड समिति के चुनाव में यह मतदान इस जोन में सबसे लंबे समय तक चला। नौ पार्षद वाली कांग्रेस ने शाहदरा उत्तरी क्षेत्र में अपने प्रत्याशी उतारे थे। आप प्रत्याशियों ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया था जबकि कांग्रेस उम्मीदवार ने स्थायी समिति सदस्य से अपना नाम वापस ले लिया था।

पूर्वी दिल्ली की पूर्व महापौर नीमा भगत को शाहदरा दक्षिण जोन से स्थायी समिति का सदस्य चुन लिया गया। वर्ष 2022 में एमसीडी के एकीकरण के बाद पहली बार वार्ड समिति का चुनाव हुआ है। यह चुनाव काफी समय से लंबित था। सत्तारूढ़ आप और विपक्षी दल भाजपा के बीच राजनीतिक गतिरोध के कारण चुनाव नहीं हो सका और मामला अदालत में विचाराधीन था। दिल्ली नगर निगम विनियम, 1958 के अनुपालन में गुप्त मतदान के जरिए चुनाव हुआ। 

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