काशीपुर: चैती मेले में महंगाई से लड़खड़ाया कारोबार, मायूस हुए लोग

काशीपुर अमृत विचार। उत्तर भारत का प्रसिद्ध चैती मेले में आकर्षण का केंद्र रहने वाले ढोलक बाजार, सिलबट्टा बाजार में महंगाई ने कारोबार को लड़खड़ा दिया है। स्थिति यह है कि 40 प्रतिशत कारोबार पर महंगाई का असर देखने को मिला है। इससे दूरदराज से बाजार लगाने आए लोग मायूस हैं।
बीते नौ अप्रैल को चैती मेले का शुभारंभ किया गया था। रविवार की देर शाम तक मेला चलेगा। इसके बाद कारोबारी लौटने लगेंगे। कारोबारियों के अनुसार हर बार उनको चैती मेले से दोगुना मुनाफा होता था। लोग सिलबट्टा और ढोलक खरीदने को उमड़ते थे।
ढोलक बाजार अमरोह के लोग लगाते हैं, जबकि सिलबट्टा बाजार मुरादाबाद व अन्य जगहों से लोग आते हैं। लेकिन इस बार दुकानें महंगी होने से कारोबार पर इसका सीधा असर पड़ा है। बताया कि लोग भी मेले में खरीदारी को कम ही आ रहे हैं। अन्य सालों में लोगों को ढोलक व सिलबट्टा खरीदने का क्रेज रहता था।
बताया कि अभी तक 60 प्रतिशत ही कारोबार हुआ है। 40 प्रतिशत कारोबार नहीं होने से लोग परेशान है। बताया कि अगले साल कारोबारी सोच समझ कर ही मेले में आएंगे। उन्होंने मेला प्रशासन से दुकानों के किराए को कम करने की मांग की है। वहीं मेला अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि मेला लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया की जाती है।
15 रूपये किराया देकर लगाते थे दुकान
कारोबारियों के अनुसार चैती मेले में दुकानें लगाना उनका पुस्तैनी काम है। बताया कि कई साल पहले 15 रूपये देकर दुकानें लगाते थे। आज 40 से 50 हजार रूपये किराया देने पड़ रहा है।
दुकानें महंगी मिली है। लोग भी कम खरीदारी करने आ रहे हैं। इससे ढोलक कारोबार 40 प्रतिशत कम हुआ है। अगली बार सोच समझकर ही चैती मेले में आएंगे।
नसीम अहमद, ढोलक कारोबारी।
ढोलक बाजार लगाना हमारा पुस्तैनी काम है। एक दर्जन से अधिक लोग अमरोहा से ढोलक बेचने आते हैं। लेकिन कारोबार कम होने से रोजी रोटी का संकट गहरागया है।
मोहम्मद कैफ, ढोलक कारोबारी
मुरादाबाद से सिलबट्टा बाजार लगाने आए हैं। महंगाई ने हमारे कारोबार पर असर डाला है। पूरे परिवार के साथ हम लोग चैती मेले में आते हैं। कुछ दिन रूकने के बाद वापस लौट जाएंगे।
विक्रम, सिलबट्टा कारोबारी
पूरे दिन सिलबट्टा बनाने में लग जाता है। रात को मेला शुरू होते ही ग्राहकों का इंतजार करते हैं, बावजूद इसके मेहनत के अनुसार दाम नहीं मिल रहा है।
रणजीत सिंह, सिलबट्टा कारोबारी