लखनऊ: बच्चे पर हमले के बाद तेंदुए की दहशत, वन विभाग ने जताया फिशिंग कैट का अंदेशा
लखनऊ, अमृत विचार। सरोजनीनगर में रविवार को भी लोगों में तेंदुए की दहशत फैली रही। रविवार दोपहर को किसी अज्ञात जानवर ने आटो सवार एक बच्चे पर हमला कर दिया। इससे लोग और दहशत में आ गए। हालांकि जानकारी मिलने के बाद सरोजनीनगर थाने की पुलिस और वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से क्षेत्र में कांबिंग की। लेकिन उन्हें ऐसी कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी। जिससे तेंदुए के दिखाई पड़ने के सबूत मिल सके।
फारेस्टर राजेश सिंह ने बताया कि दिन भर कांबिंग करने के साथ ही जानकारी करने पर लग रहा है कि कोई फिशिंग कैट (जंगली बिल्ली) है। इसी को लोग तेंदुआ समझ बैठे हैं। बताते चलें कि शनिवार को सरोजनीनगर के नई बस्ती, गौरी इलाके में तेंदुआ दिखाई पड़ने का मैसेज और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद लोगों में दहशत फैल गयी। हालांकि इसकी जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने तेंदुए की काफी तलाश की, लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं मिल सकी, जिससे कि तेंदुए की पुष्टि हो सके। उधर सरोजनीनगर की नई बस्ती में रहने वाले रामकरन यादव के मुताबिक रविवार दोपहर कक्षा 5 में पढ़ने वाला उसका 10 वर्षीय बेटा शिखर यादव अपनी माँ के साथ स्कूटर इण्डिया चौराहे से ऑटो में बैठकर घर लौट रहा था। तभी स्कूटर इण्डिया - बिजनौर रोड पर एम्बुलेंस सर्विस सेंटर के पास तेंदुआ जैसे दिखने वाले जानवर ने ऑटो चालक और शिखर के ऊपर हमला कर दिया। जिससे ऑटो चालक और शिखर के अलावा ऑटो पर सवार अन्य सवारियां दहशत में आ गई। डरे सहमे ऑटो चालक ने अपने वाहन की रफ्तार बढ़ा दी तो उक्त जानवर पास की ही बाग में घुस गया। तब सब की जान में जान आई।
रामकरन ने बताया कि उसके हमले से ऑटो चालक भी चोटिल हो गया। जबकि उसके बेटे शिखर के पैर में पंजे के निशान भी आ गए। इसके बाद लोगों में तेंदुआ होने की दहशत और फैल गई। बाद में इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गई। वहीं बाद में शिखर का पास के निजी अस्पताल से इलाज कराया गया। जब इसकी जानकारी वन विभाग और सरोजनीनगर पुलिस को हुई, तो दोनों विभागों की संयुक्त टीम बनाकर क्षेत्र में तेंदुए की काफी तलाश की गई। सरोजनीनगर इंस्पेक्टर शैलेंद्र गिरी ने बताया कि जानकारी में आया है कुछ दिनों पहले वन विभाग द्वारा एक जंगली बिल्ली (फिशिंग कैट) पकड़कर कुरौनी जंगल में छोड़ी गयी थी। शायद इस जंगली बिल्ली को ही लोग तेंदुआ समझ रहे हैं। वहीं सरोजनीनगर रेंजर डीसी पंत ने बताया कि वायरल वीडियो पूरी तरह फेक है और बच्चे के ऊपर हमले वाली बात भी संदिग्ध है। लेकिन इसके बावजूद वन विभाग की टीम लगाकर पूरे दिन क्षेत्र में कांबिंग कराई गई। मगर कहीं कोई ऐसी जानकारी या चिन्ह नहीं मिला। जिससे कि तेंदुए की पुष्टि हो सके। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वन विभाग की टीम हर समय तैयार है।
फॉरेस्टर राजेश सिंह ने बताया कि उन्होंने सरोजनीनगर पुलिस के साथ मिलकर नई बस्ती और गौरी के अलावा नटकुर व किसान पथ के आसपास बागों और जंगलों में कांबिंग करने के बाद भी ना तो तेंदुए के कोई पग चिन्ह मिल सके और ना ही किसी व्यक्ति ने तेंदुए जैसे जानवर को कहीं देखा है। उनका कहना है कि हो सकता है जंगली बिल्ली को लोगों ने देख लिया हो, लेकिन फिलहाल तेंदुआ नहीं है।
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