हल्द्वानी: कोलकाता का गुलाब बिखेर रहा हल्द्वानी में खुशबू

हल्द्वानी: कोलकाता का गुलाब बिखेर रहा हल्द्वानी में खुशबू

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर में बिकने के लिए कई जगहों से गुलाब के पौधे आते हैं लेकिन लोगों को सिर्फ कोलकाता का गुलाब भाता है। कोलकाता के गुलाब का पौधा कई प्रजातियों व रंगों में बिकता है। 

फल-फूल पौध विक्रेताओं ने बताया कि शहर में पुणे, बंगलुरू और कोलकाता से गुलाब के पौधे आते हैं लेकिन इसके जानकार व शौकीन सिर्फ कोलकाता के गुलाब की मांग करते हैं। बरेली रोड में गोल्डन ग्रीन नर्सरी चलाने वाले शिव कुमार बताते हैं कि पुणे व बंगलुरू की तुलना में कोलकाता के गुलाब की ग्राफ्टिंग तकनीक में अंतर होता है।

पुणे व बेंगलुरु के पौधे हॉलैंड (डच रोज) प्रजाति के होते हैं। पुणे की मिट्टी चिकनी, जबकि कोलकाता की काली मिट्टी होती है, जो यहां के परिवेश के मुताबिक ही है, जिससे वहां के गुलाब का पौधा यहां आसानी से पनप जाता है। काली मिट्टी में नमी बनी रहती है, इसलिए पौधा जल्दी खराब नहीं होता है।


कई प्रजातियों और रंगों में उपलब्ध है गुलाब
गुलाब का पौधा कई प्रजातियों और रंगों में मिलता है, जिसमें आबरा का डाबरा प्रजाति का गुलाब शहर के लोगों को सबसे ज्यादा भाता है। आबरा का डाबरा गुलाब में स्ट्राइप होती है और दो कलर के इस गुलाब के फूल छोटे होते हैं। डबल डिलाइट (टाइगर रोज), मिनिएचर रोज, गोल्ड मेडल रोज (ग्रैंडीफ्लोरा) आदि प्रजातियां भी लोगों को खूब पसंद आती हैं। इसके अलावा पीला, लाल, मैरून, सफेद, कलर मिक्स आदि रंगों में गुलाब मिलता है। गुलाब के पौधों की कीमत 60 रुपये से लेकर 250 रुपये तक है।

लोगों के दिलों में बसता है डच रोज 
गुलाब के शौकीन डीएस मेहरा ने बताते हैं कि डच रोज (हाइब्रिड) सबसे महंगा बिकता है। इसकी पंखुड़ी मोटी व कली जैसा बना रहता है। यह 15-20 दिन तक सूखता भी नहीं है, इसलिए प्यार के दिवस वैलेंटाइन डे पर इसकी बहुत ज्यादा मांग रहती है। 

अक्टूबर से मार्च तक लगता है गुलाब
गुलाब के पौधे अक्टूबर से मार्च तक लगाए जाते हैं, जिसमें वर्मी कंपोस्ट, नीम खली और बोन मील आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पौधे स्वस्थ, ग्रोथ अच्छी और फूल बड़े आकार के होते हैं। इसके अलावा, पौधे की समय-समय पर देखभाल व कटाई छंटाई करते रहना होता है। 


गुलाब का शौकीन हूं। एचटी (हाइब्रिड) गुलाब ज्यादा लगाता हूं। यह टिकाऊ और महंगा बिकता है। 
- डीएस मेहरा, फतेहपुर

पौधों के बीच रहना पसंद करता हूं। गुलाब को खासतौर से पसंद करता हूं, इसकी कई प्रजाति के पौधे मेरे पास हैं।
- बीएस नेगी, देवलचौड़

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