चंपावत: मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में बनाई जा रही रुद्राक्ष वाटिका 

चंपावत: मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में बनाई जा रही रुद्राक्ष वाटिका 

देवेन्द्र चन्द देवा, टनकपुर, अमृत विचार। चम्पावत वन विभाग के अथक प्रयासों से धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में रुद्राक्ष वाटिका लगाए जाने का कार्य इस समय जोर शोर से चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में यह पहला अवसर है जब इस तरह के रुद्राक्ष की वाटिका तैयार की जा रही है।

फिलहाल चम्पावत वन विभाग पूर्णागिरि मार्ग के बाटनागाड़ से ठुलीगाड़ यानि 2 किलोमीटर के दायरे में मार्ग के दोनों ओर में रुद्राक्ष के 600 पौधे लगाकर प्लांटेशन लगा रहा है। जिस क्षेत्र में रुद्राक्ष का प्लांटेशन हो रहा है उसके करीब ही बह रही शारदा नदी के काकड़ घाट का भी अपना महत्वपूर्ण स्थान है।

इस स्थान पर पवित्र जनेऊ संस्कार कार्यक्रम भी किया जाता है।कमोवेश पड़ोसी देश नेपाल में रुद्राक्ष का उत्पादन  अधिक संख्या में होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़ा जाता है, मान्यता है कि भगवान शिव के नेत्र की जल धारा से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी। आध्यात्मिक और धर्म से भी रुद्राक्ष को जोड़ा जाता है।

मान्यता है कि रुद्राक्ष पाठ पूजा में ही नहीं बल्कि इसके पहनने से कई रोगों का भी निवारण होता है।वन विभाग द्वारा रुद्राक्ष के 500 पौधे ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन से निशुल्क मंगाए गए हैं। बताया जाता है कि ऋषिकेश परमार्थ निकेतन से ही राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा में भी 2 हजार पौधे यही से रोपित करने के लिए भेजे गए थे।

रुद्राक्ष के 100 अन्य पौधों के लिए वन विभाग द्वारा व्यवस्था की जा रही है। लगभग 11 लख रुपए की लागत से यहां रुद्राक्ष वाटिका तैयार की जा रही है। वही रुद्राक्ष पौधे की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगाए जा रहे हैं। जल्दी ही यह वाटिका तैयार हो जाएगी जहां पर्यावरण और वनों की सुरक्षा संबंधी स्लोगन भी लिखे जा रहे हैं।

मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र के बाटनागाड़ से ठुलीगाड़ तक में रुद्राक्ष प्लांटेशन के लिए पूर्व में विभागीय हेड क्वार्टर को लिखा गया था जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद यहां इस स्थान पर रुद्राक्ष के पौधे रोपित किया जा रहे हैं। होली से पहले ही यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। पूर्णागिरि मार्ग के दोनों और रुद्राक्ष के पौधे लगाने का उद्देश्य यह भी है कि मां पूर्णागिरि धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष पौधे के बारे में भी बेहतर जानकारी हो और वह इसके प्रति जागरूक भी हो।
- आरसी कांडपाल, डीएफओ, चम्पावत