Unnao: शिक्षित बनने के बजाएं खेलकूद करते बच्चे...विलंब से विद्यालय पहुंचने पर शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण तलब

उन्नाव में विलंब से विद्यालय पहुंचने पर शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण तलब

Unnao: शिक्षित बनने के बजाएं खेलकूद करते बच्चे...विलंब से विद्यालय पहुंचने पर शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण तलब

उन्नाव, अमृत विचार। विभागीय अफसरों की लाख कोशिशों के बाद भी परिषदीय शिक्षक-शिक्षिकाएं समय पर विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। कई बार शिक्षकों की मौजूदगी के बाद भी मौका मिलते ही छात्र-छात्राएं विद्यालयों में खेलते दिखते हैं। 

वहीं अध्यापकों की नामौजूदगी में तो उन्हें पूरी आजादी मिल जाती है। क्षेत्र के नेवल गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे तक कोई विद्यालय नहीं पहुंचा। इस पर बीईओ ने विद्यालय में तैनात शिक्षण स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी की है।  

बता दें बांगरमऊ क्षेत्र के नेवल गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में छात्र संख्या 136 है। जिन्हें शिक्षित बनाने के लिए विभाग ने प्रभारी शिक्षिका रचना के अलावा सहायक शिक्षिका सोनी गुप्ता, शालिनी पाल व प्राची कटियार को तैनात किया है। गुरुवार साढ़े नौ बजे तक यहां तैनात कोई शिक्षिका विद्यालय नहीं पहुंचीं। 

हालांकि विद्यालय की रसोइयां ने स्कूल के ताले खोल दिये थे। अभिभावक लगातार शिकायतें कर रहे थे कि शिक्षिकाएं तय समय पर विद्यालय नहीं पहुंचती हैं। गुरुवार को भी साढ़े नौ बजे तक कोई शिक्षिका विद्यालय नही पहुंचीं। जबकि रसोइयां ने बच्चों के लिए तय समय पर ही ताला खोल दिया था। 

लेकिन घर से विद्यालय पहुंचे छात्र-छात्राएं शिक्षिकाओं की अनुपस्थिति में कक्षा में न जाकर विद्यालय परिसर के पास लगे पेड़ के पास उछल-कूद करते रहे। अधिकांश बच्चों ने पेड़ पर झूला झूलना शुरू कर दिया। अभिभावकों का कहना है कि ऐसे में बच्चों के घायल होने की आशंका बनी रहती है। 

इसीलिए पूर्व में यहां तैनात बीईओ से शिक्षिकाओं के समय पर न पहुंचने की शिकायते की जा चुकी हैं, लेकिन उनकी मनमानी में सुधार नहीं हो रहा है। गुरुवार को किसी ने परिषदीय विद्यालय में खेलते हुए बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। जो वायरल होकर बीईओ तक पहुंच गयी। इसलिए बीईओ ने विद्यालय में तैनात सभी शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण मांग लिया है। जिससे संबंधित शिक्षिकाएं अब बचाव के लिए स्पष्टीकरण का मजमून पूछते घूम रही हैं।

सुविधाजनक और सुरक्षित है बांगरमऊ आना-जाना

जिला मुख्यालय की ही तरह बांगरमऊ के तमाम विद्यालयों तक पहुंचना सुविधाजनक रहता है। इसके चलते लखनऊ व कानपुर में रहने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं इस क्षेत्र में तैनाती करा लेते हैं। जिला मुख्यालय के समीपवर्ती स्कूलों में उच्चाधिकारियों के निरीक्षण की अधिक संभावना रहती है।

जबकि इस दूरस्थ क्षेत्र में प्रायः बीएसए व बीईओ ही निरीक्षण करने पहुंचते हैं। इसीलिए कई विद्यालयों में तैनात कोई भी अध्यापक समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते हैं। शिक्षिकाओं में लेट-लतीफी विद्यालय पहुंचने वालों की संख्या अधिक है। पुरुष प्रधानाध्यापक बेवजह के आरोपों से बचने के लिए अधिक सख्ती नहीं कर पाते हैं।

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