Bareilly News: मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ समन जारी, 11 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश

Bareilly News: मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ समन जारी, 11 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश

बरेली, अमृत विचार। वर्ष 2010 में बारावफात जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण देकर दंगा कराने के आरोप में विशेष जज त्वरित न्यायालय कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को मास्टर माइंड माना है, इसके साथ ही समन भेजकर कोर्ट में 11 मार्च को तलब किया है। साथ ही कोर्ट ने कार्रवाई न करने पर जनपद के अधिकारियों के खिलाफ भी तल्ख टिप्पणी की है। वहीं अधिकारियों को कोर्ट की कॉपी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजने का आदेश भी दिया है।

दरअसल, 2010 बरेली दंगा प्रकरण में इंस्पेक्टर सुभाष यादव ने 5 मार्च को अपने बयान दर्ज कराए हैं। पत्रावली का अवलोकन कर कोर्ट ने दंगे के आरोपी रिजवान, दानिश, राजू, हसन, सौबी रजा, यासीन की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली है। वहीं कोर्ट में तारीखों से लगातार गैर हाजिर रहने पर बाबू खां, आरिफ, अमजद अहमद, निसार अहमद, अबरार, राजू उर्फ राजकुमार, कौसर मंगलवार को भी अनुपस्थित रहे। इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर प्रेमनगर पुलिस को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है।

वहीं अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण में वाराणसी में उन्होंने ही फैसला दिया है। इस वजह से धर्म विशेष के लोगों और अधिकारियों का उनके प्रति अजीब-सा रवैया हो गया है। न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने आगे कहा कि शाहजहांपुर में तैनात सिविल जज भाई, लखनऊ में रहने वाली मां, उनकी पत्नी और बच्चे सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। 

आगे कहा गया है कि मार्च 2010 में बरेली को दंगों में झोंकने वाले मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बाद भी उनका नाम चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि तत्कालीन एसएसपी, डीआईजी, आईजी, कमिश्नर और डीएम ने विधिक रूप से कार्य न करके सत्ता के इशारे पर काम किया है। साथ ही तत्कालीन अधिकारियों ने 2010 दंगों के मास्टर माइंड मौलाना तौकीर रजा खां का भरपूर सहयोग किया।

आरोप है कि 2 मार्च 2010 को शहर के सौदागरान मोहल्ला में रहने वाले और आला हजरत खानदान से ताल्लुक रखने वाले आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने जन समूह में भड़काऊ भाषण दिया था। जिसके बाद भीड़ ने शहर में पुलिस चौकी को फूंक दिया था। इसके अलावा दूसरे समुदाय के घरों को आग लगा दी गई थी। 

इस दंगे में मौलाना तौकीर रज़ा खान और उनके समर्थकों के खिलाफ बलवा, सरकारी काम में बाधा डालने, 7 क्रिमिनल लॉ अमेडमेंट एक्ट, जानलेवा हमला, धार्मिक भावनाएं भड़काने और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किए गए थे। वहीं कोर्ट ने इन सबूतों को आधार मानते हुए मौलाना तौकीर रजा खान को समन जारी कर 11 मार्च को तलब किया है।

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