Kanpur: सपा विधायक इरफान सोलंकी से जुड़े आगजनी कांड में पूरी हुई बहस; 14 मार्च को आ सकता है फैसला
कानपुर, अमृत विचार। सपा विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत पांच आरोपियों के विरुद्ध डिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा की झोपड़ी फूंकने के मामले में एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में बहस पूरी हो गई है। अब इस मामले में 14 मार्च को फैसला आ सकता है। बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद शुक्रवार को अभियोजन पक्ष ने जवाब दाखिल किया। मामले में अभियोजन पक्ष से 18 गवाह पेश किए गए।
आगजनी कांड में सपा विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान, शौकत अली, इजरायल आटेवाला समेत पांच आरोपी हैं। एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के आखिरी दिन बचाव पक्ष की ओर से बहस के दौरान अभियोजन पर उठाए गए सवालों के जवाब दाखिल किए गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने विवेचना पर सवाल उठाया था कि विवेचक ने पीड़ितों के बयान देर से लिए, सीसीटीवी फुटेज व सीडीआर नहीं एकत्र नहीं की, प्रापर्टी का मालिकाना हक पता नहीं किया गया।
इस पर सहायक शासकीय अधिवक्ता भास्कर मिश्रा ने कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा कि अगर विवेचक कोई गलती करता है तो उसका लाभ आरोपियों को नहीं मिलता है। अभियोजन पक्ष की ओर से नजीर फातिमा की गवाही पढ़कर कोर्ट में सुनाते हुए कहा गया कि वह पहले भी वहां रहती थीं, घटना के समय भी थीं और आज भी रहती हैं। अभियोजन ने कहा कि घटनास्थल पर रिजवान सोलंकी ने डायल 112 पर फोन किया था।
इससे उनकी मौके पर उपस्थिति साबित होती है। अभियोजन ने कहा कि इजरायल आटेवाला के घर पर घटना का षड़यंत्र बना था। साथ ही यह तय किया गया था कि बैठक में कोई भी मोबाइल लेकर नहीं आएगा, जिस पर सपा विधायक ने मोबाइल किसी और को सौंप दिया था। इसके तीन गवाह अभियोजन पक्ष ने प्रस्तुत किए थे। बचाव पक्ष का कहना था कि आग शार्ट सर्किट से लगी है, जिस पर अभियोजन ने कहा कि वहां पर कोई बिजली का तार ही नहीं था, जिससे शार्ट सर्किट की बात पूरी तरह से गलत है।
ऐसा कोई कानून नहीं है कि भाजपाई गवाही नहीं दे सकता
भाजपा के इशारे पर गवाही वाली बात का जवाब देते हुए सहायक शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा किसी भी कानून में नहीं लिखा है कि अगर कोई भाजपा का सदस्य है तो उसकी गवाही नहीं मानी जाएगी।