लखीमपुर-खीरी: मॉकड्रिल... शारदा नदी में पलटी नाव, डूबे लोग, NDRF ने किया रेस्क्यू
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरफ) के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में मॉक ड्रिल की गई, जिसमें नदी, तालाब या बाढ़ में डूबने की घटना पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एवं जिला प्रशासन की टीमों ने मिलकर एक संयुक्त मॉक अभ्यास किया। पानी में डूब रहे कई व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बचाया गया। यह मॉक ड्रिल कासगंज सहित अन्य स्थानों पर हुए दुर्घटनाओं को आधार बनाकर की गई।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने टेबल टॉप मॉक अभ्यास कराया। उन्होंने मॉक ड्रिल की आवश्यकता व प्रासंगिकता बताई। अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए और आपदा से बचाव के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए।
ग्रामीणों को बताया गया कि समस्या आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि संयम बरतते हुए उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करते हुए इससे निपटने का प्रयास करें। मॉक अभ्यास के प्रथम चरण में टेबल टॉप द्वारा एनडीआरएफ अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों, सिंचाई, फायर सर्विस, पीएसी, पुलिस, होमगार्ड, स्वास्थ्य, राजस्व एवं अन्य सम्बंधित विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने हिस्सा लिया।
प्रशासन ने एनडीआरएफ के साथ की आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
द्वितीय चरण में शारदा बैराज पर नदी किनारे मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान नदी को पार करते हुए एक नाव के पलट जाने का दृश्य रखा गया, जिसमे दस से पंद्रह लोग सवार थे। घटना की सूचना नजदीकी प्रत्यक्षदर्शी प्रशासन को देते हैं, फिर प्रशासन त्वरित ही सर्च एवं रेस्क्यू के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम को एवं अन्य एजेंसियों को बुलाता है। इसमें सर्वप्रथम स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद ली जाती है। फिर तत्काल एनडीआरएफ की टीम लखनऊ से घटनास्थल पर पहुंचती है और फिर सभी डूबे हुए व्यक्तियों को बाहर निकाल लिया जाता है।
इस दौरान सभी एजेंसियों ने आपसी तालमेल व समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य को पूरा किया। अभ्यास में मौजूद एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ से आये उप कमांडेंट अनिल कुमार पाल ने बताया कि अभी हाल में ही कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमे कासगंज की ट्रैक्टर ट्राली वाली घटना में कई लोगों की मृत्यु हो गई, ऐसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ये मॉक अभ्यास किया गया है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है कि इस तरह कि घटना होने पर किस तरह से बचाव कार्य किया जाए और सभी एजेंसियों को कैसे रिस्पांस करना है।
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