पीलीभीत: बैरिकेडिंग नहीं आई काम, घेरा तोड़ कलक्ट्रेट में ट्रैक्टर समेत घुसे किसान

पीलीभीत: बैरिकेडिंग नहीं आई काम, घेरा तोड़ कलक्ट्रेट में ट्रैक्टर समेत घुसे किसान

पीलीभीत, अमृत विचार: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को किसानों ने शहर समेत पूरनपुर में ट्रैक्टर मार्च निकाला। ट्रैक्टरों पर सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसान ट्रैक्टर समेत डीएम कार्यालय के सामने जा पहुंचे। यहां किसानों ने डीएम कार्यालय के सामने नारेबाजी कर धरना दिया। मार्च की अगुवाई कर रहे किसान नेताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र एडीएम को सौंपा।

शंभू बार्डर पर जारी आंदोलन के समर्थन में बुधवार को किसान संगठनों का ट्रैक्टर मार्च प्रस्तावित था। इसको लेकर बुधवार से सुबह से ही पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। भाकियू टिकैत गुट के बैनर तले जिले भर के किसान बुधवार सुबह से ही मंडी स्थिति कृषक विश्राम भवन में एकत्र होने लगे। यहां से किसान नेताओं की अगुवाई में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। 

ट्रैक्टर मार्च ओवरब्रिज से छतरी चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा। कलेक्ट्रेट परिसर में विकास भवन के गेट के समीप बैरिकेडिंग की गई थी।  यहां एएसपी विक्रम दहिया पुलिस फोर्स के साथ मौके पर मौजूद थे। ट्रैक्टर मार्च के साथ पहुंचे किसानों ने बेरीकेडिंग को पार करने के प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकना शुरू कर दिया। इस पर किसान नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। 

मार्च में शामिल किसान नेता ट्रैक्टरों को कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर ले जाने की बात पर अड़ गए। इसको लेकर पुलिस अधिकारियों और किसान नेताओं के बीच मामूली नोकझोंक भी हुई। हालांकि बाद में एक ट्रैक्टर को परिसर के अंदर जाने की इजाजत दी गई। मात्र एक ट्रैक्टर के जाने की बात सुनकर किसानों ने टनकपुर हाईवे पर जाम लगाना शुरू कर दिया। स्थिति को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने पांच और ट्रैक्टरों को अंदर जाने के लिए बेरीकेडिंग खोल दी। तब कहीं जाकर किसानों ने जाम खत्म किया।

ट्रैक्टरों पर सवार किसान नेता डीएम कार्यालय के सामने पहुंचे और नारेबाजी कर धरना दिया। धरनास्थल पर सभा हुई। सभा में किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पंजाब,हरियाणा के किसानों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। शंभू बार्डर पर केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों पर आंसू गैस, वाटर कैनन, रवर की गोलियां चलवाकर किसानों को जख्मी कर रही है। 

किसान नेताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र एडीएम ऋतु पुनिया को सौंपा। ज्ञापन में एमएसपी गारंटी कानून बनाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने, वर्ष 2020-21 में दिल्ली आंदोलन हिंसा में किसानों पर लगाए गए सभी मुकदमे वापस लेने, पराली जलाने पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने, किसानों के दस साल पुराने ट्रैक्टरों को एनजीटीओ से बाहर रखने, किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ करने, प्रदेश के किसानों को फसल सिंचाई के लिए लगे निजी नलकूपों को निशुल्क बिजली सप्लाई, विद्युत दरों में की गई वृद्धि को वापस लेने, शहरी एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं को 200 यूनिट निशुल्क बिजली देने, लखीमपुर कांड में निर्दोष किसानों पर लगाए गए मुकदमे वापस लेने एवं लखीमपुर कांड में 120 बी के आरोपी अजय मिश्र टेनी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की गई। 

ट्रैक्टर मार्च में भाकियू टिकैत गुट के मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलो, जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा, युवा जिलाध्यक्ष गुरदीप सिंह गोगी, प्रदेश उपाध्यक्ष नागेंद्र सिंह, नेम चंद वर्मा,  मोहम्मद मुश्ताक, रंगीले लाल, तविश हुसैन, दशरथ सिंह, प्यारेलाल वर्मा समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

छुट्टा पशुओं का मुद्दा भी उठाया
किसान नेताओं ने छुटटा पशुओं का मुद्दा भी उठाया। कहा कि देश के अन्नदाता किसानों के साथ बबर्रतापूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिले में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। छुट्टा पशु किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं। बाघ हमलों में किसानों की मौतें हो रही है। इसके बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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