लखीमपुर-खीरी: धरातल पर कॉलेज का पता नहीं, बोर्ड परीक्षा में बैठेंगे चार छात्र-छात्राएं

लखीमपुर-खीरी: धरातल पर कॉलेज का पता नहीं, बोर्ड परीक्षा में बैठेंगे चार छात्र-छात्राएं

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। यूपी बोर्ड परीक्षा में एक साल पहले बंद हो चुके एक कॉलेज के चार छात्र-छात्राएं उसी कॉलेज के नाम पर परीक्षार्थी बनाए गए हैं, जिसका खुलासा होने के बाद विभागीय अधिकारियों में खलबली मची है। 

यह मामला जेबीगंज-मोहम्मदी मार्ग पर नेवादा जसमढ़ी में करीब एक साल पहले तक संचालित अमर निशा इंटर कालेज का है, जो इस वर्ष 2023-24 में पूरी तरह बंद हो चुका है, लेकिन बोर्ड परीक्षा में इस कालेज के चार परीक्षार्थी बैठेंगे। इनमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के दो-दो छात्र-छात्राएं शामिल हैं।
 
बता दें कि पिछले वर्ष 2022-23 की बोर्ड परीक्षा में इंटर के छात्र विशाल कुमार ने जिस कालेज से 94 प्रतिशत अंक प्राप्त कर कालेज टाप किया और जिले की टाप टेन में शामिल रहा, वह अमर निशा इंटर कालेज इस वर्ष अस्तित्व में नहीं है। इस कॉलेज के अस्तित्व में न होने की बात कालेज के पिछले वर्ष तक प्रधानाचार्य रहे क्षत्रपाल ने बताई है और इसकी पुष्टि जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने भी की है। 

इसके बावजूद चौंकाने वाली बात यह है कि बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों की जो फाइनल सूची इंटरनेट पर उपलब्ध है, उसमें इस नाम के कालेज का उल्लेख है। इसमें हाईस्कूल के दो और इंटर के दो परीक्षार्थियों को बोर्ड की परीक्षा में शामिल होना दर्शाया गया है। प्रश्न यह है कि जब कॉलेज ही अस्तित्व नहीं है, तो यूपी बोर्ड की सूची में उसका उल्लेख कैसे है और चार छात्रों ने साल भर पढाई कहां की होगी ? यह भी प्रश्न है कि क्या किसी कालेज में मात्र चार छात्र-छात्राओं ने ही अध्ययन किया है ? 

वहीं अमर निशा इंटर कालेज की जगह अब डॉ एमपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल खोला गया है और उसकी कक्षाएं भी वर्ष 2023-24 से चल रही हैं। पिछले सत्र 2022-23 तक अमर निशा इंटर कॉलेज चला और परीक्षा केंद्र भी बना। इस कॉलेज की स्थापना जंगबहादुरगंज से मोहम्मदी रोड पर दो किमी दूर नेवादा गांव के पास अमर चंद जौहर ने की थी। उन्होंने इसके साथ भज्जा लाल डिग्री कॉलेज भी खोला था। जौहर पसगवां ब्लाक में बेसिक शिक्षा विभाग में व्यायाम शिक्षक थे। 

2017 में शाहजहांपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ने पर उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। बाद में उन्होंने दोनों कालेज बेच दिए। शाहजहांपुर के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ एमपी सिंह ने इसे खरीदा था। उन्होंने बाद में और जमीन खरीदकर डॉ एमपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल खोला। एक एमपीएस मल्टी सिटी हास्पिटल भी खोला है। नर्सिंग कोर्सेज के लिए भी बिल्डिंग बन चुकी है। डिग्री कॉलेज पहले ही खत्म हो चुका है। अब अमर निशा कालेज के निशान भी नहीं है। 

डीआईओएस डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने भी अमर निशा इंटर कॉलेज के बंद होने की बात कही है और यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल किए गए चार परीक्षार्थियों के मामले में जानकारी होने से इंकार किया है। उन्होंने बताया कि यूपी बोर्ड परीक्षा में बंद हो चुके कॉलेज के चार छात्रों के परीक्षार्थी बनाए जाने की जांच कराकर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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