हिमाचल की फैक्ट्री में लगी भीषण आग, महिला सहित पांच की मौत...एसआईटी गठित

हिमाचल की फैक्ट्री में लगी भीषण आग, महिला सहित पांच की मौत...एसआईटी गठित

शिमला। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी के बद्दी में हिलटॉप स्थित परफ्यूम बनाने वाली अरोमा फैक्टरी में आखिरकार शनिवार को आग बुझा ली गई।

इस हादसे में अब तक एक महिला समेत पांच कामगारों के शव बरामद किए गए हैं जबकि पांच अभी भी लापता हैं। इस घटना में 30 लोग झुलस गये हैं जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने साइट की संरचनात्मक सुरक्षा का आकलन करने के बाद बचाव व तलाशी अभियान जारी है।

अब तक नौ लापता कामगारों में से चार के शव फैक्टरी से बरामद हुए हैं। पांच अभी भी लापता हैं। वहीं, अग्निकांड प्रभावितों के परिजन भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। अपनों की राह ताक रहे परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। आग पूरी तरह से बुझने के बाद ही लापता लोगों को ढूंढने का अभियान चलेगा। पुलिस महानिदेशक डीजीपी संजय कुंडू भी घटनास्थल पर थे।

कुंडू ने कहा कि आग अब काबू में लग रही है। फॉरेंसिक टीम अंदर जाएगी और सबूत इकट्ठा करेगी। उन्होंने कहा कि मामले की विस्त़ृत जांच के लिए एसटीआई का गठन किया है। एसटीआई टीम फिर घटना की जांच और निरीक्षण करेगी।

कुंडू ने कहा कि शुक्रवार रात को प्लांट प्रंबंधक को गिरफ्तार किया और उसने स्वीकार किया कि घटना के समय इमारत के अंदर लगभग 85 लोग थे। इनमें से एक महिला की मौत हो गई। करीब 30 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। लापता लोगों में से चार लोग मिल गए हैं। अब लापता लोगों का पता लगाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है। डीसी सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने कहा कि अभी तक चार शव फैक्टरी के अंदर से निकाले गए हैं।

बचाव व तलाशी ऑपरेशन लगातार जारी है। शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिए गए हैं। इस बीच राज्य सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्मा, उप पुलिस अधीक्षक खजाना राम और बरोटीवाला के थाना प्रभारी एसआई संजय शर्मा शामिल किए गए हैं।

एनआर अरोमा कंपनी के प्लांट हेड चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया है। कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम रवाना हो चुकी है। घटना के संबंध में पुलिस फिलहाल आग लगने के बाद लापता बताए गए लोगों की तत्काल तलाश कर रही है। अब तक की जांच के मुताबिक आग लगने के वक्त फैक्ट्री में कुल 85 लोग मौजूद थे।

करीब 30 लोग झुलसे अवस्था में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। एक महिला को मृत अवस्था में पीजीआई लाया गया और बाकी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। हिमाचल पुलिस ने जनता से लापता व्यक्तियों के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए तुरंत पुलिस नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने की अपील की है।

एनडीआरएफ ने साइट की संरचनात्मक सुरक्षा का आकलन करने के बाद क्षेत्र को कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों से मुक्त किया। इसके बाद बचाव अभियान शुरू हुआ। एचपी फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की एक टीम घटनास्थल का निरीक्षण करेगी और आवश्यक साक्ष्य एकत्र करेगी।

आग की जटिल प्रकृति को देखते हुए डीजीपी ने राज्य सरकार से केंद्र सरकार की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान टीम से सहायता करने का अनुरोध किया है। गठित एसआईटी घटनास्थल का दौरा कर साक्ष्य जुटाएगी और घटना की व्यापक जांच करेगी। पुलिस के अनुसार जांच पेशेवर तरीके से की जाएगी और प्रभावित पक्षों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

गौरतलब है कि शुक्रवार देर शाम फैक्ट्री में आग भड़क गई थी। आग कैसे लगी, इसका कारण अभी पता नहीं चल पाया है। प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट से केमिकल में आग लगने के कयास लगाए जा रहे हैं। बद्दी के पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज ने बताया कि फैक्टरी के खिलाफ बरोटीवाला थाने में लापरवाही बरतने पर मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने मृतका की पहचान पिंकी पत्नी पवन, निवासी मखनूमाजरा, बद्दी के रूप में की है। पीजीआई में भर्ती आरती, चरण सिंह, गीता और प्रेम कुमारी की हालत गंभीर हैं। इनमें तीन की रीड की हड्डी टूट गई है। इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस हादसे पर दुःख जताया है। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और बद्दी की मृतक महिला के प्रति शोक व्यक्त किया। कंपनी में ज्यादातर ठेकेदार के कामगार थे। जैसे ही निचली मंजिल में आग लगी, तो लोग खिड़कियों से कूद गए, जिससे उक्त कामगार चोटिल हो गए। अभी चार पीजीआई मेें, छह काठा अस्पताल बद्दी, 21 झाड़माजरी स्थित ब्रुकलिन अस्पताल में भर्ती हैं।

आशंका है कि कुछ कामगार वहां से निकलकर घर भाग गए हैं। जल्द लापता लोगों की सूची तैयार कर सार्वजनिक की जाएगी। 

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