Good news : महादेवा कॉरिडोर बनाने का रास्ता साफ, शारदा पुरी ने भी दी सहमति
बाबा बीपी दास ने भी दिया निशुल्क आवास देने का प्रस्ताव, 165 घरों को मिलेगा आवास खाली करने का मुआवजा

सतीश श्रीवास्तव / बाराबंकी, अमृत विचार। महादेवा कॉरिडोर बनाने के प्रयास में लगे जिलाधिकारी को अप्रत्याशित सफलता मिल रही है। प्रस्ताव के विरोध में कोर्ट गए महंत शारदा पुरी ने भी कारीडोर बनाने के लिए सहमति पत्र जिला अधिकारी को सौंप दिया है। सोमवार को महंत बीपी दास ने भी मंदिर परिसर में स्थित अपने आवास को निशुल्क कॉरिडोर के निर्माण के लिए देने का सहमति पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।
कॉरिडोर निर्माण के लिए अब तक चार एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को सौंपी जा चुकी है। 10 एकड़ भूमि और जुटाने का प्रयास चल रहा है। जिसमें 165 आवास मुआवजा देकर खाली कराए जाएंगे। इन्हें अन्यत्र आवास देने पर भी विचार कर रहा चल रहा है। कॉरिडोर के निर्माण पर लगभग 40 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। 3 करोड रुपए मुआवजे के लिए भी प्रावधान किया गया है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कॉरिडोर के निर्माण में रुचि ले रहे हैं। समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव के पूर्व ही मुख्यमंत्री इसके आधारशिला रखने के लिए यहां आ सकते हैं। इस दौरान वे कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। कड़ाई संस्थाओं को समय से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
महादेवा मंदिर रामनगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में विकास की जिन योजनाओं की घोषणा पिछले विधानसभा चुनाव में की गई थी उसे पर अमल न होने के कारण नाराज जनता ने भाजपा का सफाया कर दिया था। जिसमें महादेव का सौंदर्यीकरण और बुढ़वल चीनी मिल का पुनर्निर्माण शामिल था। अब जबकि लोकसभा चुनाव निकट हैं। तो सरकार जनता को लुभाने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती है। घोषणा से अधिक देने के लिए ही महादेवा कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि चीनी मिल के संदर्भ में अभी भी प्रशासन मौन है।
अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा चुनाव को अपने पक्ष में देख रही है। ऐसे में वह धर्मस्थलों के विकास में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहती है। महादेवा कॉरिडोर भी इसी रणनीति का हिस्सा है। महादेव कॉरिडोर के साथ-साथ अन्य धर्म स्थलों के विकास की भी कार्य योजना जिला प्रशासन ने तैयार कर रखी है। जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में कॉरिडोर की बढ़ाएं दूर करने में लगे अतिरिक्त मजिस्ट्रेट चंद्रकांत त्रिपाठी ने बताया कि ज्यादातर लोगों ने सहमत पत्र दे दिए हैं जिसमें महंत शारदा पुरी का सहमति पत्र भी शामिल है।
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