शाहजहांपुर: औद्योगिक क्षेत्र जमौर में खुलेगी पुलिस चौकी और फायर स्टेशन

शाहजहांपुर: औद्योगिक क्षेत्र जमौर में खुलेगी पुलिस चौकी और फायर स्टेशन

फोटो- औद्योगिक क्षेत्र में मुख्य सड़क से धूल उड़ाता जाता ट्रक।

शाहजहांपुर, अमृत विचार: सुविधाओं से वंचित जमौर औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ने जा रही हैं। सुरक्षा के लिए यहां पुलिस चौकी जल्द खोली जाएगी और फायर स्टेशन भी जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। रात के समय हाईमास्ट की रोशनी से औद्योगिक क्षेत्र जगमगाएगा। खाली प्लाटों में खड़ी झाड़ी साफ की जाएगी। साढ़े सात करोड़ से सड़कें चकाचक होंगी। सुविधाएं बढ़ने से नए उद्योग आने का रास्ता भी साफ होगा और परेशानी झेल रहे उद्यमी व कर्मचारियों को राहत मिलेगा।

वर्तमान में जमौर औद्योगिक क्षेत्र दुर्दशा का शिकार है। यहां सड़कें बदहाल हैं। अनदेखी के चलते सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिससे आवागमन के दौरान खतरा बना रहता है। माल लेकर गुजरते ट्रकों के पहिओं से उठते धूल के गुब्बार से पूरा औद्योगिक क्षेत्र पट रहा है। इन गड्ढों के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। आए दिन इस मार्ग पर दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल होते रहते हैं। 

बसाए जाने के दशकों बाद भी जमौर औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह से आबाद नहीं हो पाया है। यहां आज भी लगभग 50 प्लाट खाली पड़े हैं। खाली प्लांटों के आबाद होने के बाद जिले में नए सिरे से विकास के द्वार खुलेंगे, साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जिले के विकास का पहिया और तेजी से घूमेगा। अब तक उद्यमियों की शिकायत थी कि क्षेत्र के मुख्य मार्ग के निर्माण के लिए कई बार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से कहा जा चुका है। 

इसके बाद भी सड़क के गड्ढे नहीं भर पा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें चमाचम होनी चाहिए, लेकिन यहां तो औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें ही बदहाल हैं। औद्योगिक क्षेत्र में तमाम श्रमिक भी आते-आते हैं। ऐसे में चोटिल होने का खतरा बना रहता है। सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय उस दौरान होती है जब किसी कारण अंधेरा हो जाए। 

उद्यमियों का कहना था कि औद्योगिक क्षेत्र बनने के बाद से कई बार सड़क बनकर टूट चुकी है। पहली बार बनी सड़क लगभग पांच साल तक चली थी, लेकिन इसके बाद बनने वाली सड़कें ज्यादा नहीं टिक रही हैं। अब लगभग छह महीने से लोग परेशान हो रहे हैं और सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

पुलिस चौकी खुलने से पुख्ता होगी सुरक्षा
जमौर औद्योगिक क्षेत्र में अब तक भले ही सुविधाओं का टोटा हो, लेकिन अब यह सुविधाओं से लैश होगा। यहां साढ़े सात करोड़ से सड़कें बनेंगी और 37 लाख रुपये से पुलिस चौकी का निर्माण कराया जाएगा। इससे यहां की सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद होगी। रात के समय भी वाहन आसानी से आवागमन कर सकेंगे। इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। फायर स्टेशन का निर्माण भी किया जा रहा है। इससे दुघर्टना होने पर आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को शाहजहांपुर से बुलाने की जरूरत नहीं होगी तुरंत ही वाहन मौके पर पहुंच कर आग को बुझा देगा। रात के समय अंधेरा दूर करने के लिए आठ हाईमास्ट लाइन लगाई जाएंगी।

नए उद्यमियों के रुचि न लेने की बनी थी आशंका
एक तरफ जिले में इन्वेस्टर्स समिट के जरिये निवेश के लिए कारोबारियों को आमंत्रित किया जा रहा है तो दूसरी तरफ जमौर औद्योगिक क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं  के लिए तरस रहा था। जिले को आर्थिक रूप से चमक देने वाले क्षेत्र की सड़कें वाहनों के लिए तो दूर पैदल चलने लायक नहीं थी। जिसके चलते यह आशंका बनी हुई थी कि कहीं इसी लिए तो नहीं दशकों बाद भी यहां भूखंड खाली हैं। इनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। अब यह आशंका नहीं रहेगी। साथ ही वर्तमान में यहां संचालित 60 औद्योगों को भी फायदा होगा। 

पिछले हिस्से में उग आई हैं झाड़ियां
जमौर औद्योगिक क्षेत्र सामने से भले ही बेहतर दिखाई देता हो, लेकिन इसके पिछले हिस्से में कहीं-कहीं सड़कों का नामो-निशान मिट चुका है और बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी हैं। शाम होने के बाद लोग यहां जाने से डरने लगे हैं। आए दिन यहां लकड़हारे लकड़ी बीनते हुए देखे जाते हैं। सर्दियों में लोगों ने यहां खूब लकड़ी काटीं। 

1000 कर्मचारी हैं कार्यरत
वर्तमान में यहां 60 इकाइयां संचालित हैं और 20 का निर्माण चल रहा है। 800 से 1000 कर्मचारी कार्यरत हैं। 150 से 200 वाहन माल ढुलाई के
लिए रोजाना यहां से आवागमन करते हैं। 400 कर्मचारी दोपहिया वाहन से आते-जाते हैं और 500 कर्मचारी साइकिल से आते हैं। 18 छोटी-बड़ी सड़कें एक मुख्य सड़क से जुड़ी हैं।

औद्योगिक क्षेत्र में साढ़े सात करोड़ से सड़कें बनाई जाएंगी। पुलिस चौकी, फायर स्टेशन बनाने के साथ-साथ हाईमास्ट लाइट यहां लगाई जाएंगी। श्रमिकों के लिए टॉयलेट का भी निर्माण कराया जा रहा है--- मंसूर कटियार, क्षेत्रीय प्रबंधक, उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, बरेली।

औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ने से नए उद्यमियों को आने में आसानी होगी। हर उद्यमी चाहता है कि उसे बेहतर सुविधाएं मिलें और जहां वह उद्योग लगा रहा है वहां सुरक्षा का वातावरण हो। पुलिस चौकी खुलने व अन्य विकास कार्य होने से नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा--- गुरजीत सिंह मोंगा, अध्यक्ष इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन।

औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों की हालत अब तक खराब थी। उद्यमी कई बार सड़क बनवाने की मांग कर चुके थे। अगर सड़क बनने को मंजूरी मिली है तो यह अच्छी बात है। इससे उद्यमियों को राहत मिलेगी--- अशोक अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, आईआईए।

जमौर औद्योगिक क्षेत्र में भूखंडों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ा दिए गए हैं। यहां सिर्फ बड़े उद्योगपति ही फैक्ट्री लगा सकते हैं। नए एंटरप्रेन्योर को यहां उद्योग लगाने में पूंजी की दिक्ककत आती है। कुछ ऐसा किया जाना चाहिए जिससे कम पूंजी वाले नए एंटरप्रेन्योगर भी यहां उद्योग लगा सकें--- अभिनव ओमर, उद्यमी।

जमौर औद्योगिक क्षेत्र एक नजर में-
-60 इकाइयां वर्तमान में चल रहीं।
-20 इकाइयां निर्माणाधीन।
-800 से 1000 कर्मचारी कार्यरत।
-150 से 200 वाहन माल ढुलाई के लिए रोजाना आते हैं।
-400 कर्मचारी दोपहिया वाहन से आते हैं।
-500 कर्मचारी साइकिल से आते हैं।
-18 सड़कें एक मुख्य सड़क से जुड़ी हैं।

यह भी पढ़ें- शाहजहांपुर: गो तस्करों और पुलिस में मुठभेड़, इंस्पेक्टर और सिपाही समेत पांच को लगी गोली