पीलीभीत: आईलेट्स संचालक पहुंचा कोतवाली, बोला- मुझे मारने आए थे आतंकी, पुलिस को सुनाई आपबीती

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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पूरनपुर, अमृत विचार: मुठभेड़ में ढेर तीन खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क तक पहुंचने की पुलिस की छानबीन के बीच एक नया मोड़ सामने आया है। कोतवाली में मौजूद एसपी के पास पहुंचे एक आईलेट संचालक ने आपबीती सुनाई तो अफसर भी हैरान हो गए। उसने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए आंतकी उसे मारने के लिए पूरनपुर आए थे।

यह भी बताया कि विदेशी नंबरों से कॉल कर उससे दस लाख की रंगदारी मांगी जा रही थी। रुपये न देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई थी। इस पर पुलिस ने आइलेट संचालक को कोतवाली में ही रोक लिया और गहनता से पूछताछ कर रही है। फिलहाल खुद आईलेट संचालक के कोतवाली पहुंचकर इस तरह की कहानी सुनाने से खलबली मची रही। फिलहाल अब आइलेट संचालक के दावे के बाद पुलिस की टीमें गहनता से पड़ताल कर रही है। 

गुरदासपुर (पंजाब) की पुलिस चौकी बखशीवाल में धमाका करने वाले तीनों आंतकियों को पंजाब और पीलीभीत ने मुठभेड़ के बाद ढेर कर दिया था। तब से लगातार पुलिस की 12 टीमें क्षेत्र में जांच पड़ताल कर रहीं हैं। शुक्रवार को एसपी अविनाश पांडेय कोतवाली में थे। इसी बीच गांव गोपालपुर के मौजा घनश्यामपुर के रहने वाले वाले मलकीत सिंह कोतवाली पहुंचे और एसपी से मुलाकात की।  इस दौरान बताया कि उनका मार्ग पर अरबन इम्पोरिया में मौजूद ग्लोबल ओवरसीज के नाम से आईलेट है। 

ये दावा किया कि मुठभेड़ में मारे गए आंतकी गुरविंदर सिंह, जसनप्रीत सिंह और वीरेंद्र सिंह तीनों उन्हें मारने के लिए पंजाब से पूरनपुर आए थे। उन्होंने बताया कि बीते सात सितंबर को उनके पास सिद्धू नामक के किसी व्यक्ति का विदेशी नंबर से व्हाटसअप कॉल आया। उसने दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।  उनके पास सिद्धू नाम के व्यक्ति ने एक लिंक भेजा, जिसमें हमला करने का वीडियो दिखाया गया। कहा था कि ये हमला उनके आदमियों ने किया है। दस लाख रुपये भेजो नहीं तो तुम्हें भी जान से मार दिया जाएगा। इसके बाद उस नंबर को ब्लाक कर दिया।

बोले- लंदन चले गए तो रिंदा नाम का व्यक्ति करने लगा कॉल 
मलकीत का कहना है कि वह जब लंदन चले गए। वहां रिंदा नामक के व्यक्ति ने फोन कर उनसे दस लाख रुपए मांगे। इसके बाद छह दिसंबर को उनके पास फतेह सिंह बागी नाम के व्यक्ति ने फोन किया और कहा कि हम लोग एक साथ हैं। हमें दस लाख रुपए नहीं दोगे तो इंडिया वापस पहुंचते ही गोली मार दी जाएगी। मलकीत ने उस नंबर को भी ब्लाक कर दिया। बीते 16 दिसंबर को ही मलकीत सिंह लंदन से भारत वापस आए। दावा है कि फिरौती मांगने वाले उन्हें ट्रेस कर रहे थे। 

भारत आने के बाद 20 दिसबंर को उन्हें मारने के लिए पंजाब से तीनों आतंकी भेजे गए थे। इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया। मलकीत ने बताया और भी आईलेट संचालकों को धमकियां दी गईं थी। उन्होंने एसपी से मिलकर पूरी कहानी बताई। हालांकि पुलिस ने पूछताछ के लिए मलकीत को कोतवाली में ही रोक लिया। अभी इसे लेकर जांच चल रही है।

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