कासगंज : हृदय रोगियों के लिए जानलेवा बना मौसम, बरतनी होगी सावधानी

चिकित्सक बोले सर्दी के मौसम में बढ़ जाता है हृदयाघात का खतरा

कासगंज : हृदय रोगियों के लिए जानलेवा बना मौसम, बरतनी होगी सावधानी

कासगंज, अमृत विचार। सर्दी का मौसम है ऐसे में हृदय रोगियों के लिए खतरा है। चिकित्सकों के अनुसार सर्द मौसम में हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। यह दिल का मामला है और सर्दियों में धमनियों के सिकुडऩे के साथ दिल के दौरे का खतरा बढ़ा रहता है। अब तक कई लोग हृदयाघात से अपनी जान गवा चुके हैं, लेकिन जिले में हृदय रोगियों के इलाज के कोई इंतजाम नहीं हैं।

हृदयाघात आम तौर पर दिल के दौरे के रूप में जाना जाता है। इसमें दिल के कुछ भाग में रक्तसंचार में बाधा होती है। हृदयाघात के बाद तीन घंटे उपचार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन जिले में हृदय रोग के उपचार के इंतजाम नाकाफी हैं। न तो यहां जिले में कोई कॉर्डियोलॉजिस्ट है और न ही टीएमटी जांच का कोई इंतजाम है। ऐसे में लोगों को सही उपचार नहीं मिल पाता है उनकी जान चली जाती है। इसी सर्द मौसम में अब तक 3 जानें जा चुकी हैं। जिसमें शुक्रवार शाम की घटना भी शामिल है। सीएमओ डॉ. राजीव कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिले में कोई भी कॉर्डियोलॉजिस्ट नहीं है। हृदय रोगियों को प्राथमिक उपचार दिया जाता है और गंभीर समस्या होने पर रेफर कर दिया जाता है। शासन से पत्राचार किया जा रहा है जल्द ही कॉर्डियोलॉजिस्ट मिल जाएगा।

यह हैं बीमारी की वजह
चिकित्सकों के अनुसार दिनचर्या में परिवर्तन। जिसमें शारीरिक श्रम में कमी और फास्टफूड का ज्यादा सेवन बीमारी का प्रमुख कारण बन रहा है। युवाओं में भी हृदयाघात के मामले सामने आ रहे हैं। सर्दियों में धमनियां सिकुडऩे से हृदयाघात होता है।

यह हैं लक्षण-
- सीने में दर्द।
- रक्त और ऑक्सीजन की कमी।
- पसीना आना और बायीं बाजू में दर्द।
- जबड़े और गर्दन में दर्द होना।

आधा घंटे की सैर सपाटा से हो सकता है बचाव
हृदयाघात का मुख्यकारण लोगों की खराब लाइफ स्टाइल है। डायबिटीजी, ब्लडप्रेशर और हाईपर टेंशन इसकी मुख्य वजह हैं। आधा घंटे सैर सपाटा करके इसके खतरे काे टाला जा सकता है, लेकिन अधिक सर्दी में हृदय रोगी न टहलें। यह उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। 

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