बहराइच: ब्रॉड गेज के लिए आया 1926 करोड़ रूपये, लेकिन जंगल ने रोक दिया कार्य
ग्रामीण बोले- वन्य जीवों की सुरक्षा के साथ मिले रेल सुविधा

बहराइच, अमृत विचार। जिले से लखमीपुर के मैलानी रेल प्रखंड में जंगल के चलते लोगों को ट्रेन की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में ग्रामीण ट्रेन चले और वन्य जीवों की सुरक्षा भी हो, इसके लिए हरिद्वार और ऋषिकेश की तर्ज पर चैन लिंक लगाने की मांग की है। सभी का कहना है कि ब्राड गेज के लिए आए बजट का उपयोग होना चाहिए।
बहराइच मैलानी रेल प्रखंड को ब्रॉड गेज में परिवर्तित करने के लिए बहराइच सांसद का बेहतर प्रयास मिला था। जिसके चलते केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय ने 12 मैलानी रेल प्रखंड को ब्रॉड गेज में परिवर्तित करने के लिए 2016-17 में 1926 करोड रुपए बजट जारी किया था। लेकिन कोर्ट में वन विभाग से चल रहे वाद के चलते यह रुपया वापस मंत्रालय के खाते में भेज दिया गया। ऐसे में लखीमपुर और बहराइच के बीच रेल प्रखंड का अमान परिवर्तन नहीं हो सका।
इसको लेकर तराई क्षेत्र के लोगों में काफी नाराजगी है। जिले के लोगों का कहना है कि जिस तरह उत्तराखंड में जंगल है और वहां पर वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए हरिद्वार ऋषिकेश और देहरादून में अंडरपास बनाया गया है इस तरह यहां भी बनाया जाए। जिससे कि हमारी रेल लाइन भी सुरक्षित रहे और वन्य जीवों का जीवन भी बचा रहे। सभी का कहना है कि पूरे देश में 72000 किलोमीटर जंगल में रेल लाइन बिछी है।
जंगल विभाग की ओर से ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। हम सभी जंगल की सुरक्षा के साथ रेल लाइन भी चाहते हैं। ऐसे में सभी की मांग पर प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और केंद्रीय वन मंत्री को ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि बहराइच मैलानी रेल प्रखंड से बहराइच के साथ श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, लखीमपुर और पीलीभीत के लोग आसानी से जुड़ सकते हैं। इसका लाभ यात्रियों को तो मिलेगा ही तराई में व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
कई बार लिखा पत्र, मिलेगी सफलता
बहराइच मैलानी रेल प्रखंड पर पहले नौ ट्रेनों का संचालन होता था। इनमें एक एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल है। इस प्रखंड से मंडल के साथ लखीमपुर जनपद के लोगों को भी लाभ मिलता था रेल लाइन को ब्रॉड गेज किया जाए और ट्रेनों की संख्या बढ़ाया जाए, इसके लिए कई बार पत्र लिखा है। जल्द ही सफलता मिलने की उम्मीद है।
अक्षयवर लाल गोंड सांसद
चैन लिंक लगवाएं विभाग
बहराइच मैलानी रेल प्रखंड को ब्रॉड गेज न करना और ट्रेनों की संख्या कम करना काफी समस्या दे रही है। पूर्वांचल के जनपद से लोग लखीमपुर बहराइच की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में असम और उत्तराखंड की तर्ज पर बहराइच में भी वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा चयन लिंक रेल पटरियों के लिए किनारे लगवाया जाए। जिससे कि वन्य जीवों की सुरक्षा हो सके और ट्रेन भी संचालित रहे।
जंग हिंदुस्तानी, सामाजिक कार्यकर्ता
रेलवे बोर्ड करेगा फैसला
यात्रियों की मांग पर ट्रेन की संख्या बढ़ाना और कम करना रेलवे बोर्ड का काम है। हेड क्वार्टर और रेलवे बोर्ड की अनुमति पर ही ट्रेन संचालन की संख्या बढ़ेगी और ब्राड गेज का काम शुरू हो सकेगा।
पंकज कुमार सिंह पीआरओ पूर्वोत्तर रेलवे
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