नैनीताल: वर्षा नहीं होने से पहाड़ों में जल स्रोतों का जल स्तर गिरना शुरु, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता 

नैनीताल: वर्षा नहीं होने से पहाड़ों में जल स्रोतों का जल स्तर गिरना शुरु, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता 

चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल, अमृत विचार। इस बार जनवरी की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन अब तक वर्षा व बर्फबारी नहीं होने से जहां पर्वतीय क्षेत्रों में रबी की फसल बोने का काश्तकार इंतजार कर रहे हैं। वहीं कई स्थानों में पेयजल स्रोतों का जल स्तर भी गिर रहा है। इस विकट स्थिति के कारण पेयजल स्रोतों का सूखने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

जल संस्थान के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस बार वर्षा नहीं होने से स्थिति अभी से चिंताजनक बन रही है। कई स्थानों में जल स्रोतों में पानी की कमी होने की सूचना मिल रही है। इससे निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। कई स्थानों में अभी से रोस्टर से पानी वितरित किया जा रहा है।

भूवैज्ञानिकों का कहना है कि यदि अब भी वर्षा व बर्फवारी नहीं हुई तो इस बार भूजल का स्तर चिन्ता जनक स्थिति में गिर सकता है। इससे प्राकृतिक जल स्रोतों में विपरित प्रभाव पड़ सकता है। इस वर्ष अब तक वर्षा होने से पहाड़ों में लगातार पानी की किल्लत बनती जा रही है। कई स्थानों में जो स्थिति मार्च में होती थी वह अभी से दिखने लगी है। दूसरी ओर वर्षा व बर्फवारी नहीं होने से पर्वतीय क्षेत्रों के कई स्थानों में रबि की फसल तक नहीं बोई जा सकी है। 

पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगे हैं : कोटलिया
नैनीताल। यूजीसी के भूवैज्ञानिक डा. बहादुर सिंह कोटलिया का कहना है कि यदि अब भी पहाड़ों में वर्षा व बर्फवारी नहीं हुई तो इस बार भूजल का स्तर चिन्ता जनक स्थिति में गिर सकता है। इससे प्राकृतिक जल स्रोतों में विपरित प्रभाव पड़ सकता है। इस वर्ष अब तक वर्षा नहीं होने से पहाड़ों में लगातार पानी की किल्लत बनती जा रही है। जिले की झीलों व नदियों का जल स्तर लगातार गिर रहा है। तो पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने लगे हैं।