बरेली: मुफ्त मोबाइल फोन देने वालों का शुक्रिया... असल चेहरा तो बेपर्दा किया
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम की खराब वित्तीय हालत के बावजूद पार्षदों को 5-जी मोबाइल दिए जाने पर लोगों में तीखी प्रतिक्रिया है। लोगों का कहना है कि शहर में नाली, सड़क और बिजली-पानी जैसी समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं। पार्षद इन समस्याओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें मोबाइल फोन देने वालों ने जनता की आंखों से पर्दा हटाकर साबित कर दिया है कि जनसेवा के वादे करके पार्षद बने लोग अब सिर्फ अपने बारे में सोच रहे हैं।
सिविल लाइंस के संजय सक्सेना कहते हैं कि जो लोग जनसेवा का वादा कर पार्षद बने, उन्होंने मोबाइल फोन के लिए अपनी छवि को दांव पर लगा दिया है। खराब माली हालत से जूझ रहे नगर निगम पर और बोझ डालने को तैयार हैं। उन्हें जनसमस्याएं हल करने और नगर निगम की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना चाहिए था लेकिन खुद को मजबूत बनाने की जुगत में लगे हैं।
साहूकारा के राजकुमार मेहरोत्रा ने कहा कि पिछले कार्यकाल में मोबाइल फोन खरीदने पर ऑडिट आपत्ति के बाद भी यह हठधर्मी नहीं है। एक खड़ंजा डालने के लिए नगर निगम के पास पैसा न होने से इन्कार कर दिया जाता है। पार्षद जनता के सामने क्या कहेंगे कि काम नहीं करा पा रहे हैं लेकिन अपने लिए मोबाइल ले आए हैं। सेवा की आड़ में मेवा तलाशने जैसी बात है।
रामपुर बाग के अविनाश मिश्रा ने कहा कि पार्षदों को मोबाइल फोन मिलने से विकास नहीं होगा। पार्षदों को सोचना चाहिए कि छोटे-मोटे कामों के लिए तरस रही जनता उनके बारे में क्या सोचेगी। ब्रह्मपुरा के सुरजीत ने कहा कि नगर निगम के पास पार्षदों को मोबाइल देने के लिए फंड हैं लेकिन जनसमस्याएं दूर करने के लिए नहीं। यह शर्मनाक है कि अधूरे काम नहीं हो रहे हैं। पैसा न मिलने के कारण ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हैं। फिर भी कोई परवाह नहीं कर रहा है।
तीन और पार्षदों का इन्कार, नगर आयुक्त को दिया पत्र- नहीं चाहिए मोबाइल फोन
मेरे पास खुद का मोबाइल पोन है। मुझे अपने वार्ड की जनता के काम चाहिए जिसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइट लगनी है, गणेशनगर में सड़क के दोनों ओर चीनी मिल की जमीन पर इकट्ठे गंदगी के अंबार को हटवाना है। कई कच्ची गलियां बनवानी हैं। मेरा काम समाजसेवा है और इसमें खुद सक्षम हूं। - चित्रा मिश्रा, मढ़ीनाथ की पार्षद
हम जनता का हित चाहते हैं। अब तक मेरे वार्ड में नगर निगम से कोई काम नहीं हुआ है। विधायक निधि से पुलिया बनवाई है। जनता के कामों से खराब माली हालत की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि जब नगर निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो फिजूलखर्ची क्यों हो रही है। हम मोबाइल नहीं लेंगे। - सुधा सक्सेना, कृष्णानगर की पार्षद
जनसेवा के लिए मुफ्त के मोबाइल फोन की जरूरत है, यह बात ठीक नहीं है। नगर निगम से मोबाइल नहीं मिला तो क्या जनता के काम नहीं हो रहे हैं। जनता की सेवा के नाम पर नगर निगम से लाभ की उम्मीद करना ठीक नहीं है। मैं खुद मोबाइल लेने में सक्षम हूं और अब भी मोबाइल मेरे पास है। मुझे नगर निगम से नया मोबाइल फोन नहीं लेना है। - शालिनी वर्मा, सुभाषनगर की पार्षद
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