पीलीभीत टाइगर रिजर्व: सीमाओं का होगा डिजिटाइजेशन, जीपीएस से तय होंगी हदें, अफसरों ने शुरू की तैयारी

पीलीभीत टाइगर रिजर्व: सीमाओं का होगा डिजिटाइजेशन, जीपीएस से तय होंगी हदें, अफसरों ने शुरू की तैयारी

पीलीभीत, सुनील यादव, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की जंगल सीमा का डिजिटाइजेशन करते हुए हदें तय की जाएंगी। इसके तहत जीपीएस के माध्यम से जंगल का सीमांकन किया जाएगा। शासन के निर्देश के बाद पीटीआर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। वन अफसरों ने राजस्व विभाग से जंगल से सटे इलाकों के राजस्व ग्रामों के नक्शे मांगे हैं। खास बात यह है कि डिजिटाइजेशन के बाद जंगल सीमाओं पर जंगल जमीन को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी।

प्रदेश सरकार द्वारा इन दिनों अतिक्रमण को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जंगल क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। ऐसे में अब जंगल क्षेत्रों से भी अतिक्रमण हटाने की तैयारी चल रही है। इस मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के फैसले के बाद शासन ने जंगल की सीमाओं को बेहतर तरीके से तय करने के लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार किया है। शासन ने जंगल सीमाओं के सीमांकन को डिजिटाइेशन कराने के निर्देश दिए हैं। 

हालांकि जंगल के सीमांकन को क्षेत्रीय स्तर पर पहले से ही तय किया हुआ है,  लेकिन शासन के निर्देश के बाद अब इसके लिए तकनीक का उपयोग किया जाएगा। डिजिटाइजेशन में जीपीएस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। शासन से निर्देश मिलने के बाद पीटीआर प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। वन अफसरों से राजस्व विभाग से जंगल सीमा से सटे राजस्व ग्रामों के नक्शे मांगे हैं। राजस्व ग्रामों की स्थिति पता करने के बाद ही पीटीआर की जंगल सीमाओं का सर्वे शुरू किया जाएगा।

पीटीआर की सालों से सिकुड़ती जा रही हदें
करीब 73 हजार हेक्टेयर में फैले टाइगर रिजर्व की हदें अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जों के चलते सिकुड़ती जा रही है। सालों पहले जंगल सीमा के पेड़ों का सफाया कर जंगल जमीन पर खेती की जा रही है। कहीं-कहीं तो पूरे जंगल को ही साफ कर दिया गया है। मामला कोर्ट में होने की वजह से आज तक अतिक्रमण की समस्या जस की तस बनी हुई है। 

सूत्रों के मुताबिक पीटीआर की सभी पांच रेंजों में करीब 1200 एकड़ जंगल जमीन अतिक्रमणकारियों के चंगुल में है। इसमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति शारदा पार क्षेत्र में जंगल जमीन की है। यहां बड़े पैमाने पर जंगल जमीन पर खेती की जा रही है। अतिक्रमण के मामले प्रकाश में आने के बाद जंगल सीमा की स्थिति स्पष्ट न होने की  वजह से कार्रवाई भी शून्य ही रहती है। इधर अब डिजिटाइेशन से जंगल सीमाओं को बेहतर तरीके से तय किया जा सकेगा और अतिक्रमण को लेकर होने वाले खेल की भी गुंजाइश भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की जंगल सीमाओं का डिजिटाइजेशन किया जाना है। इसकी तैयारी चल रही है। राजस्व विभाग से राजस्व ग्रामों के नक्शे मांगे गए हैं। इसके बाद जीपीएस के माध्यम से जंगल सीमाओं का सर्वे किया जाएगा। - नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीटीआर

ये भी पढे़ं- पीलीभीत: भाजपा नेता का आरोप- जेई बना ठेकेदार, फर्म बनाकर कर रहा काम, नगर पालिका में मची खलबली

 

ताजा समाचार

मुरादाबाद : 50 बाइक सवारों के लाइसेंस व वाहनों के पंजीकरण हुए निलंबित
मुरादाबाद : 58 लाख के बकाये में सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल व निर्यात फर्म के बैंक खाते फ्रीज
कासगंज : पटियाली के हथौड़ा खेड़ा में मकान के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट
मलिहाबाद महिला हत्याकांड : मुख्य आरोपी पुलिस एनकांउटर में ढ़ेर, एक लाख रुपये का था इनामिया हिस्ट्रीशीटर
Kanpur में ट्रेन के आगे कूदा युवक, मौत: 2 दिन पहले भाभी ने घर पर लगाई थी फांसी, परिजन बोले- सदमे में था, जानिए पूरा मामला
Hardoi News : सीतापुर से चोरी हुआ था बच्चा, हरदोई पुलिस ने आंध्र प्रदेश से किया बरामद