तेलंगाना विधानसभा का सत्र शुरू, नवनिर्वाचित विधायकों ने ली शपथ
हैदराबाद। तेलंगाना की तीसरी विधानसभा का पहला सत्र शनिवार को यहां शुरू हुआ और नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सबसे पहले शपथ ली और उनके बाद उपमुख्यमंत्री मल्लू बी. विक्रमार्क ने शपथ ली।
हालांकि, भाजपा के विधायकों ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किये जाने के विरोध में शनिवार को शपथ नहीं ली। भाजपा ने आरोप लगाया कि ओवैसी को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करना नियमों का उल्लंघन है। सत्र शुरू होने से पहले ओवैसी ने अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर शपथ ली।
उन्हें राजभवन में राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने शपथ दिलायी। इसके बाद, ओवैसी ने सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की। कई सदस्यों के शपथ ग्रहण करने के बाद सदन की कार्यवाही 14 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि सदन में अन्य वरिष्ठ सदस्यों के होने के बावजूद ओवैसी को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
रेड्डी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘विधानसभा में अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर वरिष्ठ सदस्य को नियुक्त करने की परंपरा है। भाजपा, एआईएमआईएम और कांग्रेस के बीच सहमति के अनुसार, अस्थायी अध्यक्ष के रूप में अकबरुद्दीन की नियुक्ति का विरोध करती है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले ही दावा किया है कि कांग्रेस और एआईएमआईएम के बीच मौन सहमति है। उन्होंने कहा कि भाजपा अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर किसी वरिष्ठ सदस्य की नियुक्ति के बाद अध्यक्ष का चुनाव कराना चाहती है।
उन्होंने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को राज्यपाल के समक्ष उठाएगी। रेड्डी ने कहा कि भाजपा विधायक सदन के नियमित अध्यक्ष के कार्यभार संभालने के बाद शपथ लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा के नियमों के उल्लंघन के कारण हम एआईएमआईएम के सदस्य को प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसलिए, हमारे सदस्य उनके अध्यक्ष रहने पर शपथ लेने का बहिष्कार कर रहे हैं।’’
रेड्डी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता संभालने के तीन दिन बाद ही अपनी तुष्टिकरण की राजनीति और विधानसभा की परंपराओं का उल्लंघन शुरू कर दिया है। बाद में, भाजपा विधायकों ने राजभवन में एक ज्ञापन सौंपकर राज्यपाल से अस्थायी अध्यक्ष के रूप में अकबरुद्दीन औवेसी की नियुक्ति को रद्द करने का अनुरोध किया। भाजपा विधायकों ने ज्ञापन में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 188 के अनुसार, विधानसभा में वरिष्ठतम सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नामित किया जाना चाहिए।
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