पीलीभीत: 72 घंटे में खाली करो सपा कार्यालय, वरना कार्रवाई..जानिए एसडीएम ने क्यों भेजा नोटिस और मची खलबली!
पीलीभीत, अमृत विचार। नकटादाना चौराहा पर स्थित नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आवास को खाली कराने के लिए कई सालों से चल रही कवायद को एक बार फिर गति दी गई। बता दें कि उक्त भवन में समाजवादी पार्टी का कार्यालय संचालित हैं। नगर पालिका के प्रभारी ईओ ने भवन खाली कराने के लिए सपा जिलाध्यक्ष को नोटिस भेजा है। जिसमें नोटिस प्राप्ति के तीन दिन के भीतर भवन खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
नोटिस के बाद जहां सपाईयों ने अपना जवाब दाखिल करते हुए राजनीतिक दबाव और द्वेष भावना से जोड़ दिया है। पालिका प्रशासन की नोटिस भेजने को लेकर की गई कार्रवाई को विधिक तौर पर भी गलत करार देते हुए पार्टी की छवि खराब कराने की कोशिश बताया जा रहा है। ऐसे में अग्रिम कार्यवाही को लेकर अब पालिका अधिकारी सपा नेताओं की ओर से भेजे गए जवाब को लेकर विधिक राय लेने में जुट गए हैं।
बता दें कि समाजवादी पार्टी का नकटादाना चौराहा पर जिला कार्यालय बना हुआ है। जिस भवन में वह संचालित हो रहा है, वह नगर पालिका का ईओ आवास बताया जाता है। इसे 2005 में 15 साल के लिए समाजवादी पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए आवंटित किया गया था। इसके बाद उसकी आगे मियाद नहीं बढ़ सकी है। पिछले तीन साल से इस भवन को खाली कराए जाने को लेकर कवायद चल रही है। एक बार फिर ये मामला गरमा गया है।
दो दिसंबर को प्रभारी ईओ नगर पालिका परिषद पीलीभीत की ओर से एक नोटिस समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष को भेजा गया। जिसमें बताया कि नकटादाना चौराहा पर स्थित अधिशासी अधिकारी आवास को पालिका कार्यालय द्वारा खाली कराने के लिए लिखित तौर पर अवगत कराया जा चुका है। मगर अभी तक ये भवन नगर पालिका के सुपुर्द नहीं किया गया है। जबकि आवंटन को निरस्त किया जा चुका है। इसका पालिका के द्वारा कोई नवीनीकरण भी नहीं किया गया है। निरस्तीकरण की सूचना भी पूर्व में दी जा चुकी है। ये भी बताया कि 11 अक्टृबर 2023 को पालिका सभागार में हुई बोर्ड की बैठक में भी सर्वसम्मति से सपा कार्यालय को लेकर आवंटन निरस्त किया जा चुका है।
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव द्वारा दायर याचिका भी उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। ऐसे में नोटिस प्राप्ति के तीन दिन के भीतर अधिशासी अधिकारी आवास पालिका के सुपर्द करने के लिए निर्देश दिए गए। यह भी चेतावनी दी गई इसके बाद आवास खाली कराने के लिए विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रभारी ईओ के इस नोटिस के बाद जहां सपा कार्यालय का मुद्दा फिर गरमाया वहीं राजनीति से भी कार्यवाही को जोड़ना शुरू कर दिया गया है। सपा जिलाध्यक्ष की ओर से इस नोटिस का जवाब दे दिया गया है। फिलहाल अब आगे की कार्रवाई पर सभी निगाहें टिकी हुई हैं।
नोटिस के जवाब में सपा नेता ने दिए ये तर्क
प्रभारी ईओ की ओर से भेजे गए नोटिस के जवाब में सपा जिलाध्यक्ष की ओर से दिए गए जवाब में नोटिस को राजनीतिक दबाव और द्वेष भावना से ग्रसित बताया गया। इसे विधि विरुद्ध भी कहा गया है। सपा नेताओं के अनुसार मामला सिविल न्यायालय में विचाराधीन हैं। ऐसे में विधिक प्रक्रिया अपनाई जाए। तत्कालीन जिला महासचिव यूसुफ कादरी की ओर से 15 मार्च 2021 के नवीनीकरण को लेकर प्रस्तुत आवेदन पर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उक्त पत्र विचाराधीन है।
अधिशासी अधिकारी द्वारा राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर 12 नवंबर 2020, 11 अक्टूबर 2023 को पत्र जारी किया गया था। जिसमें विधि पूर्ण आवंटन पत्र 17 मार्च 2005 को बिना प्रार्थी का पक्ष सुने एक पक्षीय रूप से बिना आपत्ति आमंत्रित किए तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गयाा, जोकि असंवैधानिक है।जिससे प्रार्थी द्वारा अदालत में सिविल जज सीनियर डिवीजन पीलीभीत में विचाराधीन है।
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर जबरन कब्जा करने तथा बिना विधिक प्रक्रिया अपनाएं बलपूर्वक वादग्रस्त भवन को बेदखल करने और भवन की क्षतिग्रस्त करने से बाज रहे। कई अन्य तर्क देते हुए नोटिस को पूर्णता अवैध और विरुद्ध बताया है।
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