खुर्पाताल झील बचाने को राज्य आंदोलनकारियों ने कुमाऊं आयुक्त दरबार में लगाई गुहार

खुर्पाताल झील बचाने को राज्य आंदोलनकारियों ने कुमाऊं आयुक्त दरबार में लगाई गुहार

नैनीताल, अमृत विचार। निकटवर्ती खुर्पाताल झील को प्रदूषण से बचाने के लिए खुर्पाताल निवासी व राज्य आंदोलनकारी संगठन के पदाधिकारियों ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को ज्ञापन सौंपकर झील बचाने की गुहार लगाई है। 

ज्ञापन में कहा गया कि खुर्पाताल झील के आसपास बाहरी बिल्डरों द्वारा भवन निर्माण किए गए हैं लेकिन उनके द्वारा सीवरेज पिट तालाब के नजदीक बनाये गये हैं। सीवरेज का पानी लगातार झील में जा रहा है। जिससे खुर्पाताल झील लगातार प्रदूषित हो रही है।

2005 में यहां जल निगम द्वारा सीवरेज के लिए लाईन बनाई थी लेकिन वह कभी चली ही नहीं। खुर्पाताल की तलहटी में पातीखेत, जोग्यूड़ा, लिमोडिया, गहना सहित कई तोक इसी तालाब का पानी पीते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि इस संबंध में भू-वैज्ञानिक डा. बीएस कोटलिया ने वर्ष 2006 में इस स्थान का सर्वे भी किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि सीवरेज के द्वारा झील का पानी अत्यंत दूषित होगा और यह पीने लायक नहीं रहेगा।

जिलाधिकारी सहित सम्बंधित अधिकारियों को इस संबंध में पूर्व में शिकायत की गई थी। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसकी उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। वह स्वयं निरीक्षण के लि खुर्पाताल का दौरा करेंगे।

आयुक्त के कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में मिलने वालों में राज्य आंदोलनकारी व सामाजिक कार्यकर्ता दीवान सिंह कनवाल, राज्य आंदोलनकारी संगठन के जिलाअध्यक्ष गणेश सिंह बिष्ट, सचिव हरेन्द्र सिंह बिष्ट सहित अनेक लोग शामिल रहे।