बांदा: गिरवां क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर एनजीटी टीम ने की जांच
बांदा,अमृत विचार। गिरवां क्षेत्र में चार क्रशर और 6 खनन के पट्टे हैं। जिससे ग्रामीणों का बुरा हाल है। मीडियाकर्मी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करने के बाद शुक्रवार को एनजीटी की टीम ने मौके पर आकर जांच की। इस दौरान ग्रामीणों ने भी अपना दर्द बयां किया। जरर गांव के रहने वाले अभिषेक शुक्ला ने एनजीटी में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें कहा गया है कि गिरवां, जरर व पतरहा के पहाड़ों में मानक के विपरीत ब्लास्टिंग होती है, जिससे जानमाल का खतरा बना रहता है।
गिरवां में भूतेश्वर बाबा, जरर में शिवमंदिर और पतरहा में किशन गुरु बाबा का अति प्राचीन मंदिर है, जिनको खतरा बना हुआ है। इसके बाद एनजीटी ने एक टीम बनाकर के जांच के लिए यहां भेजा है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तर प्रदेश के राजेंद्र प्रसाद, अपर जिलाधिकारी उमाकांत त्रिपाठी, खनिज अधिकारी और लखनऊ से आये माइनिंग अधिकारी ने सभी क्रशर व पहाड़ों की जांच की। इस दौरान जनता ने भी अपनी समस्याएं बताईं।
बताया कि किस तरह से दबंगई से क्रशर संचालक व पहाड़ माफिया यहां अवैध खनन कर रहे हैं। विरोध करने वालों को धमकी दी जा रही है। प्रदूषण के कारण पूरा क्षेत्र रेगिस्तान बनने की कगार पर है। ऐसे में यदि जल्द यहां पहाड़ों का खनन और क्रशर संचालन न रोका गया तो करीब 20 गांव के लोग पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें:-गोंडा: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने किया बरी