मुरादाबाद : थाने से अस्पताल तक पीड़ित पर समझौते का दबाव बना रहे आरोपी के परिवार वाले
पुलिस सुस्त: पीलीकोठी चौराहे पर गोलीकांड के तीसरे दिन भी दोनों आरोपियों व उनकी स्कॉर्पियो को भी खोज नहीं पाई पुलिस, महानगर के सबसे व्यस्तम चौराहे पर रविवार रात हुई थी वारदात, पुलिस की ढिलाई में आरोपियों की हौसले बुलंद

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर के अति व्यस्त पीलीकोठी चौराहे पर रविवार रात में स्कॉर्पियो सवारों ने दवा व्यापारी के नौकर को गोली मारी थी। घटना के तीसरे दिया यानी मंगलवार को भी पुलिस की कार्रवाई शून्य ही है। पुलिस न फरार हमलावरों को खोज पाई है और न ही वह वाहन बरामद कर सकी है। घायल सचिन प्रजापति अब कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती है। घटना पीलीकोठी चौराहे पास जयभोले कंफेक्सनरी के ठीक सामने स्थित मॉडल शॉप के पास हुई थी, जबकि यहां लगभग हर समय पुलिस की मौजूदगी रहती है।
सिविल लाइन थाने के एसएसआई इलम सिंह ने बताया कि सचिन को गोली मारने वालों की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है और न ही स्कॉर्पियो बरामद हो सकी है। सफलता के लिए प्रयास चल रहा है। हैरत की बात है कि केस दर्ज कराने वाले दिव्यांश अग्रवाल ने पुलिस को हमलावरों की स्कॉर्पियो कार का नंबर (यूपी-21-सीवी-9990) भी बता रखा है। मगर पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पा रही है, जबकि आरोपी के परिवार वाले थाने भी पहुंच रहे हैं और कॉसमॉस अस्पताल में जाकर पीड़ित परिवार पर समझौता करने का प्रयास भी कर रहे हैं। दावा है कि आरोपी का मामा घायल सचिन के बड़े भाई अनिल को फोन कर समझौता न करने की स्थिति में अपने को सत्तारूढ़ दल में अपनी बड़ी पहुंच होने और बाहर से ही भांजे की जमानत करा लेने की धमकी दे रहा है।
उधर, घटना के दौरान सचिन के साथ उसके मालिक हिमालया मेडिकोज के दिव्यांश अग्रवाल भी थे। दवा व्यापारी दिव्यांश रामगंगा विहार फेज-2 डी-79 के निवासी हैं। इनका पीलीकोठी चौराहे के पास रेती स्ट्रीट में व्यापरिक प्रतिष्ठान है। घटना की रात में ही दिव्यांश ने पुलिस को बताया था कि दोनों आरोपी उनसे बदतमीजी कर रहे थे। जिस पर सचिन कभी उनसे कहासुनी होने लगी थी। दिव्यांश बीच-बराव करने की कोशिश कर रहे थे, इसी बीच एक युवक ने तमंचा निकालकर सचिन को गोली मारी थी।
आरोपियों के परिवार वाले पहुंचे अस्पताल, समझौता का बना रहे दबाव
घायल सचिन के बड़े भाई अनिल प्रजापति ने बताया कि उसने सिविल लाइन थाना पुलिस को सचिन पर हमला करने वाले दोनों आरोपियों के नाम भी बताए हैं लेकिन, कार्रवाई के बजाय पुलिस शांत है। उधर, दोनों आरोपियों के परिवार वाले उस पर समझौता करने का लगातार दबाव बना रहे हैं। कटघर के रहने वाले आरोपी का नाम बताते हुए अनिल प्रजापति ने कहा, इसके मामा अपनी बड़ी पहुंच बताकर फोन पर कह रहे हैं कि समझौता कर लो, इलाज में खर्च होने वाले एक-डेढ़ लाख रुपये भी वह दे देंगे नहीं तो वे अपने भांजे की बाहर से ही जमानत करा लेंगे और इस मामले में होना देना कुछ भी नहीं है।
अनिल ने बताया कि आरोपी पक्ष वाले रविवार को भी थाने में मौजूद थे। आरोपी के मामा का उनके फोन पर सोमवार और मंगलवार को भी अपराह्न करीब तीन बजे समझौता करने के संबंध में फोन आया। यही नहीं, मंगलवार को दोनों आरोपियों के परिवार वाले कॉसमॉस अस्पताल आ गए थे। इन लोगों ने अनिल के दोस्त जितेंद्र से समझौता कर लेने का काफी दबाव बनाया है। अनिल प्रजापति ने कहा, वह समझौता नहीं करेगा, उसने बताया कि सोमवार को भी उसकी मां थाने गईं थीं तो रेलवे पुलिस चौकी के दरोगा सौरभ त्यागी उसकी मां से कह रहे थे कि आरोपियों को पकड़ने के लिए वह दबिश देकर लौटे हैं।
कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती सचिन का हुआ ऑपरेशन
अनिल प्रजापति ने बताया कि रविवार को घटना के बाद उसका भाई जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था। दूसरे दिन सोमवार शाम डॉक्टरों ने सचिन के हाथ की नसों को ब्लॉक होना बताकर उसे मेरठ के अस्पताल में रेफर कर दिया था। जिस पर वह सचिन को कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती कराया है। मंगलवार अपराह्न तीन बजे के दौरान सचिन के घायल हाथ का डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया है। डॉक्टरों ने उसे बताया है कि गोली लगने से उसके हाथ का मांस-नसें काफी जली हैं और क्षतिग्रस्त हैं। अनिल ने बताया कि उसका छोटा भाई सचिन अभी परास्नातक की पढ़ाई कर रहा है। वह इंटर पास होने के बाद ही घर की तंग हालत देखकर दवा व्यापारी दिव्यांश अग्रवाल के पास जॉब करने लगा था। उसके पिता अब दुनिया में नहीं हैं। तीन भाई व दो बहनों में सचिन सबसे छोटा है।
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