मुरादाबाद : अगवानपुर में पुलिस का इकबाल औंधे मुंह, दबंगों की बल्ले-बल्ले

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Published By Bhawna
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अनदेखी : घटनाओं की अनदेखी, दबंगों को सह देना कहीं भारी न पड़ जाए, नगर में सड़क पर फेंका जा रहा मांस तो कहीं फल के ठेले उलटे जा रहे

मुरादाबाद, अमृत विचार। अगवानपुर में कानून-व्यवस्था लगातार चुनौती मिल रही है। बात सड़क पर मांस फेंके जाने की हो या मेडिकल स्टोर के अंदर घेरकर जानलेवा हमला की घटना। वाल्मीकि बस्ती के घर में घुसकर मारपीट की चर्चा थमीं नहीं है। 

दवा व्यापारी को मेडिकल स्टोर में घुसकर पीटने के बाद गल्ले से रुपये लूटे जाने को लेकर चौपाल पर बहस जारी है। जबकि, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलामंत्री और युवा मोर्चा गोरक्षा वाहिनी के प्रदेश संगठन मंत्री फैजी नकवी के पिता की पिटाई को लेकर पुलिस के इकबाल पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आशंका तो यहां तक है कि पुलिस की ढिलाई से कहीं कोई बड़ा बवाल न हो जाए। क्योंकि उप नगर पुलिस के रिकार्ड में बहुत ही संवेदनशील है।

दबंगो ने पेट्रोल डाल लगा दी आग 
28 जून को महेश को घर में अकेला पाकर विरोधियों ने जमकर पीटा। उसने परिजन को फोन पर खबर दी तो अगले दिन 29 जून को परिवार वाले शादी से घर लौटे थे। परिवार वालों ने आरोपियों से महेश को पीटने का कारण पूछा तो उन लोगों ने घर में घुसकर पूरे परिवार को मारा-पीटा। आरोप ये भी है कि आरोपियों ने महेश के घर की महिलाओं-बेटियों से अश्लील हरकतें की और उनके कपड़े फाड़ दिए थे। कमरे में रखे अन्य कपड़े-बिस्तर में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। पुलिस चौकी पर सुनवाई नहीं हुई तो महेश सिविल लाइंस थाने आकर थानाध्यक्ष को आपबीती सुनाई थी। जिस पर उनकी तरफ से 30 जुलाई को राम सिंह के बेटे कपिल, मनोज, प्रमोद व हीरा सिंह के बेटे विजय, संजय, विनोद व विजय के बेटे अजय, मोहित, अजीत, रोहित और विक्की समेत कुल 11 के विरुद्ध नामजद केस दर्ज हुआ था।

सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के लिए हमने चौकी प्रभारी को निर्देश दिए हैं। जिन मामलों में जांच की जरूरत है, उन विवेचक को जल्दी जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हो। सड़क पर मांस फेंकने का वायरल वीडियो का संज्ञान हमने लिया और केस भी दर्ज कराया है।- राम प्रसाद शर्मा, थानाध्यक्ष-सिविल लाइंस

केस-1
27 जुलाई : रात 10 बजे के दौरान सादात मुहल्ले के अजादार हुसैन इमामबाड़े में मजलिस से लौट रहे थे। इमामबाड़े से बाहर निकलते ही उन्हें असलम, आजम, सरताज उर्फ राजू, कुमैल ने घेर लिया और पीटने लगे। शोरगुल सुनकर उनका बेटा फैजी नकवी आ गया तो उसे भी हमलावरों ने धमकाया। फैजी नकवी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला मंत्री और युवा मोर्चा संयुक्त सनातन गोरक्षा वाहिनी में प्रदेश संगठन मंत्री हैं। अजादार ने सिविल लाइन थाने में पांच अगस्त को आरोपी असलम, आजम, सरताज अली, कुमैल के विरुद्ध नामजद केस दर्ज कराया था।

केस-2
31 जुलाई : शाम सैफियान में मो.अकील अपने मेडिकल स्टोर पर थे। शाम 7 बजे के दौरान पांच आरोप लाठी-डंडा व धारदार हथियार लेकर उनके मेडिकल स्टोर पर पहुंचे और पीटने लगे। ढाप मुहल्ले के उस्मान व फुरकान ने अकील पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इमरान व सुब्हान रस्सी से अकील का गला घोंटने लगे थे। नवेद मौका पाकर गल्ले में रखे 6500 रुपये लूट लिए । चौकी प्रभारी मृदुल कुमार ने इलाज कराने की सलाह दे दी। घायल की पत्नी आरिफा की तहरीर पर पुलिस ने अगले दिन पांचों के आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।

केस-3
घटना 30 अगस्त की देर शाम की है। कुरैशियान के इमरान ने दो अगस्त को कलालपुरी के कलुआ, अशरफ, फरजंद व निसाद के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया था। इमरान का कहना है कि वह शाम 8.30 बजे के दौरान आम खरीदने गया था। विक्रेता अशरफ ने धारदार हथियार से उसके सीने पर वार किया था। निसाद ने चाकू से हमला बोला था। सभी आरोपी उसे (इमरान) को मारने पीटने लगे थे। मुदस्सिर, निजाम, उवैस ने इमरान को बचाया था।

वीडियो वायरल तब भी चौकी प्रभारी को फिक्र नहीं 
3 अगस्त मंगलवार रात कुरैशियान में मीट विक्रेता खराब मांस को सड़क पर फेंक रहे थे। इंटरनेट पर वीडियो वायरल हुआ तो सिविल लाइंस थानाध्यक्ष ने संज्ञान लिया और अगवानपुर चौकी प्रभारी से केस दर्ज कराने को कहा। तब आरोपी मीट विक्रेता सुलेमान, आमिर, कादिर, साहिद और मुख्तार व उसके भाई मुंतजिर, मुनीर, शकील, इंतजार, तनजीम, नाजिम व इसके भाई आजम, मशकूर व नफी के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट हुई। यह रिपोर्ट महामारी एक्ट के तहत दर्ज हुई। वैसे भी यहां गोकशी के सर्वाधिक मामले रहते हैं। शर्तों का उल्लंघन कर खुले वाहनों से अगवानपुर में मांस की सप्लाई होती है।

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