बिहार: विधानमंडल के दोनों सदनों में भाजपा सदस्यों ने किया हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित

बिहार: विधानमंडल के दोनों सदनों में भाजपा सदस्यों ने किया हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित

पटना। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पायी। बिहार विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे शुरू होते ही भाजपा सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करने लगे।

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भाजपा सदस्य नौकरी के बदले जमीन घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए थे। विपक्षी सदस्यों में से कुछ ने ‘रिपोर्टिंग स्टाफ’ के लिए रखी गई मेज को पलटने की कोशिश की और उस पर कुर्सियां रख दीं। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार के बीच तीखी नोकझोंक भी देखी गई।

पूर्व मंत्री के लिए मार्शलों को भी बुलाया गया । बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने हंगामे के बीच सदन चलाने की कोशिश की, पर अपनी अपील का कोई असर नहीं होता देख उन्होंने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘इस तरह का व्यवहार निंदनीय है।

यह प्रजातंत्र को कलंकित करने वाला है।’’ भाजपा विधायक संजय सरावगी ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम तब तक सदन नहीं चलने देंगे जब तक तेजस्वी खुद इस्तीफा नहीं दे देते या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें बर्खास्त नहीं कर देते।’’ सरावगी ने नीतीश कुमार पर इस बात के लिए ताना मारा कि वह एक दिन पहले यादव को अपनी कार में ‘‘सिर्फ अपनी कुर्सी की रक्षा के लिए’’ विधानसभा में लाए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम विश्वास नहीं कर सकते कि यह वही आदमी हैं जो केवल प्राथमिकी दर्ज होने पर अपने मंत्रियों से इस्तीफा ले लेते थे जबकि तेजस्वी के मामले में आरोप पत्र दायर हो चुका है।’’ राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान कथित तौर पर हुए नौकरी के बदले जमीन घोटाले में उनके पुत्र तेजस्वी का नाम भी सामने आया है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

राजद आरोप लगा रहा है कि केंद्र में शासन करने वाली भाजपा द्वारा सीबीआई का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है । राजद इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि उस समय (‘कथित घोटाला उजागर होने के समय) तेजस्वी नाबालिग थे। इस बीच विपक्षी पार्टी भाजपा के सदस्यों ने बिहार विधान परिषद की कायर्वाही में भी बाधा डाली।

उन्होंने शिक्षकों की भर्ती पर सरकार द्वारा बनाई गई नयी नियमवाली को लेकर आसन के समीप आकर हंगामा किया। इसके बाद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन की कायर्वाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उच्च सदन में मौजूद संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चिंताओं के प्रति संवेदनशील हैं और सरकार उचित कार्रवाई करेगी।

भाजपा ने घोषणा की है कि वह शिक्षकों की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा उठाई गई मांगों के समर्थन में 13 जुलाई को ऐतिहासिक गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च निकालेगी । इन मांगों में ‘डोमिसाइल’ की अहर्ता को फिर से बहाल किया जाना तथा नियोजित शिक्षकों को नियमित करना शामिल है।

भोजनावकाश के बाद बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्षी सदस्यों द्वारा अपनी मांग पर अडे रहने हंगामे के बीच अन्य आवश्यक विधायी कार्याें को संपन्न किए गये और दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी। 

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