नैनीताल: हाईकोर्ट ने सहस्रधारा में पाइपलान बिछाने के टेंडर संबंधी याचिका पर की सुनवाई, फटकारा और जुर्माना भी लगाया

विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में पाइपलान बिछाने के टेंडर को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की।
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पहले जारी टेंडर को सही पाते हुए ठेका याचिकाकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने टेंडर कमेटी के कार्य करने के तरीके पर भी नाराजगी व्यक्त की, साथ ही कोर्ट ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को फटकार लगाते हुए दस हजार रुपये का जुर्माना लगाकर उसे दो सप्ताह के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान टेंडर कमेटी के सभी सदस्यों के साथ अधिशासी अभियंता जल संस्थान सभी वास्तविक रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में पेश हुए। मामले के अनुसार, जल संस्थान ने सहस्रधारा में पानी की लाइन बिछाने का टेंडर जारी किया था और 1 मई को टेंडर खोलकर 27 मई को इसको अपलोड भी कर दिया। बाद में 30 मई को इसे निरस्त कर दिया।
6 जून को एक बार फिर इसी कार्य के लिए टेंडर निकाला। इस मामले को उच्च न्यायालय में विजय प्रकाश ने चुनौती दी तो जल संस्थान की ओर से कहा गया कि न्यूनतम बिड नहीं आई, जिसके चलते इस टेंडर को निरस्त कर दिया गया। पूर्व में कोर्ट ने पूछा था कि जब बिड नहीं थी तो वित्तीय बिड कैसे खोल दी गई। पूरे रिकॉर्ड के साथ टेंडर कमेटी व अधिशासी अभियंता को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए थे, जिसके अनुपालन में शुक्रवार को अधिकारी पूरे रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में पेश हुए।