जल जीवन मिशन: लाखों की उगाई कर ले गए, नौकरी का पता नहीं...जानिए पूरा मामला

ग्राम पंचायतों में बन रहे ओवरहेड के लिए ऑपरेटर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर आदि पद पर नौकरी का दिया झांसा

जल जीवन मिशन: लाखों की उगाई कर ले गए, नौकरी का पता नहीं...जानिए पूरा मामला

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बरेली/बिथरी चैनपुर, अमृत विचार।

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प्रकाशित खबर।

मामला सामने आया है। गांवों में हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए ओवरहेड टैंक बनाए जा रहे हैं। पिछले दिनों इन पर ऑपरेटर, प्लंबर, मिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, फिटर के पद पर नौकरी का झांसा देकर कई युवाओं से लाखों रुपये ठग लिए। सबसे अधिक लोग बिथरी चैनपुर और भुता में शिकार हुए हैं। इसमें सीधे तौर पर मिशन से जुड़े जिम्मेदारों की साठगांठ से रिश्वत लेने के आरोप लग रहे हैं।

योजना के तहत जिले के अधिकांश गांवों में ओवरहेड टैंक बनने हैं। जिनके निर्माण और चलाने के लिए कुछ महीने पहले मानदेय के हिसाब से हर गांव से ऑपरेटर, प्लंबर आदि क्षेत्र से जुड़े दो प्रशिक्षित लोगों मांग की गई थी। इसका पता चलने पर कुछ लोग सक्रिय हो गए और लाखों की वसूली शुरू कर दी गई।

बिथरी चैनपुर के अकबर अली ने बताया कि उनसे और उनके तीन दोस्तों से 20 हजार रुपये नौकरी लगवाने के नाम पर ले लिए गए। अभी तक कुछ पता नहीं चल रहा। यह भी बताया उसकी मुलाकात दो युवकों से हुई थी जिन्होंने अपना नाम शमीम परवेज और मो. राशिद बताया था।

इसी ब्लाक के अमित ने बताया कि उनसे भी सुपरवाइजर के नाम पर 15 हजार रुपये वसूले गए। कई साथी भी इसी तरह ठगी का शिकार हुए हैं। ठगी करने वालों ने भुता में कई ग्रामीणों को अपना निशाना। यहां के राजीव ने बताया कि पैसा लेते वक्त कहा गया है कि योग्यता चाहें जितनी हो लेकिन बिना रिश्वत दिए नौकरी नहीं लगेगी। इधर एक्सईएन कुमकुम गंगवार का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। गोपनीय जांच कराकर गलत तरीके से लोगों को झांसा देकर ठगी करने वाले पर कार्रवाई कराई जाएगी।

नौकरी नहीं सिर्फ प्रशिक्षण दिया जाना था
जिला समन्वयक परवेज आलम ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में ओवरहेड बनकर तैयार हो गए हैं। उन गांव में इनके संचालन के लिए अस्थाई तौर पर ऑपरेटर, प्लंबर, मिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, फिटर आदि क्षेत्र से जुड़े युवाओं की जरूरत थी। इसमें आईटीआई और जीटीआई करने वाले को प्राथमिकता देते हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस संबंध में समस्त बीडीओ को पत्र लिखा गया था। एडीओ पंचायत ने डाटा तैयार कर सूची उपलब्ध कराई। उसी आधार पर युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया था। इनसे किसी तरह का शुल्क नहीं लिया। वसूली कौन कर रहा है यह जांच का विषय है।

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