Budget 2023: मध्य वर्ग को राहत पहुंचाने की कोशिश, नई कर प्रणाली में सात लाख तक कोई कर नहीं
नई दिल्ली। मध्य वर्ग को राहत पहुंचाने की कोशिश, नयी कर प्रणाली में सात लाख तक कोई कर नहीं नयी दिल्ली, 01 फरवरी (वार्ता) सरकार ने अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव से पहले नौकरी पेशा मध्यम वर्ग को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से व्यक्तिगत आयकर में राहत देते हुये नयी कर प्रणाली में सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर से मुक्त कर दिया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 पेश करते हुए मध्य वर्ग को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से व्यक्तिगत आयकर के संबंध में पांच प्रमुख घोषणाएं कीं। ये घोषणाएं छूट, कर संरचना में बदलाव, नई कर व्यवस्था में मानक छूट के लाभ का विस्तार, सरचार्ज दर में कटौती तथा गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाने से संबंधित है।
उन्होंने नई कर व्यवस्था में छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपए करने की घोषणा की है। वर्तमान में पांच लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्ति पुरानी तथा नई दोनों कर व्यवस्थाओं में किसी कर का भुगतान नहीं करते हैं।
मध्य वर्गीय व्यक्तियों को राहत प्रदान करते हुए उन्होंने स्लैब की संख्या को छह से घटाकर पांच करने तथा कर छूट सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपए करने के की नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में कर संरचना में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। प्रस्तावित नयी कर दरें इस प्रकार होंगी
कुल आय (रुपये) दर (प्रतिशत) 0-3 लाख तक....................................शून्य 3-6 लाख तक......................................5 6-9 लाख तक....................................10 9-12 लाख तक..................................15 12-15 लाख तक................................20 15 लाख से अधिक..............................30
उन्होंने कहा कि यह नई व्यवस्था में सभी करदाताओं को राहत मिलेगी। नौ लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले व्यक्ति को केवल 45 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। यह उसकी आय का केवल पांच प्रतिशत है। यह उस राशि, जिसका उसे भुगतान करने की आवश्यकता है अर्थात 60,000 रुपए पर 25 प्रतिशत की कटौती है।
इसी प्रकार 15 लाख रुपए की आय वाले व्यक्ति को केवल 1.5 लाख रुपए या उसकी आय का 10 प्रतिशत भुगतान करने की आवश्यकता है, जो 1,87,500 रुपए की वर्तमान कर से 20 प्रतिशत कम है। बजट का तीसरा प्रस्ताव वेतनभोगी वर्ग तथा पारिवारिक पेंशनभोगियों सहित पेशनभोगियों को राहत प्रदान करने वाला है क्योंकि वित्त मंत्री ने मानक कटौती का लाभ नई कर व्यवस्था को विस्तारित करने का प्रस्ताव किया है।
15 लाख रुपए या इससे अधिक आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को इस प्रकार 52,500 रुपए का लाभ प्राप्त होगा। वर्तमान में केवल 50,000 रुपए की मानक कटौती वेतनभोगी व्यक्तियों तथा 15,000 रुपए तक की पारिवारिक पेंशन से कटौती की पुरानी व्यवस्था के तहत अनुमति है।
व्यक्तिगत आयकर के संबंध में अपनी चौथी घोषणा में सीतारमण ने दो करोड़ रुपए से अधिक की आय के लिए नई कर व्यवस्था में सर्वोच्च सरचार्ज दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इसके परिणामस्वरूप अधिकतम कर दर वर्तमान 42.74 प्रतिशत है, जो विश्व में सर्वाधिक है यह घटकर 39 प्रतिशत पर आ जाएगा।
बहरहाल उनके लिए सरचार्ज में कोई परिवर्तन नहीं है जो इस आय समूह में पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं। पांचवीं घोषणा के हिस्से के रूप में, बजट में सरकारी वेतनभोगी वर्ग के अनुरूप गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 25 लाख रुपए के अवकाश नकदीकरण पर कर छूट की सीमा के विस्तार का प्रस्ताव रखा गया है।
वर्तमान में अधिकतम राशि जिस पर छूट प्रदान की जा सकती है, तीन लाख रुपए है। बजट में नई आयकर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। नागरिक पुरानी कर व्यवस्था के लाभ उठाने के विकल्प का उपयोग करते रहेंगे।
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