अयोध्या: परकोटे में कांस्य की प्लेट पर बनेंगे रामायण के प्रसंग
चयन के लिए ट्रस्ट कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि की अध्यक्षता में बनी कमेटी
अमृत विचार, अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के भवन निर्माण समिति की एक दिवसीय मैराथन बैठक में महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंत्रणा की गई। इस मंत्रणा में प्रमुख रूप से निर्णय लिया गया कि प्रतिमा विज्ञान के आधार पर परकोटे पर रामायण के प्रसंगों का चित्रण सीधे पत्थरों पर कराने के बजाय कांस्य की प्लेट पर प्रसंगों को उत्कीर्ण कर परकोटे में स्थापित किया जाए। यह जानकारी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को कारसेवकपुरम में पत्रकारों को अनौपचारिक बातचीत में दी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए एक कमेटी बनाई गयी है जो कि रामायण के प्रसंगों का चयन करेगी। कमेटी तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि की अध्यक्षता में बनाई गयी है। प्रतिमा विज्ञान (आइकोनोग्राफी) के जरिए रामायण के करीब ढाई सौ अलग-अलग प्रसंगों का चित्रण लोअर प्लिंथ व दीवारों पर कराया जाना है। तीर्थ महासचिव ने बताया कि रामलला के विग्रह को लेकर कई तरह के विचार आए हैं जिन पर मंथन हो रहा है लेकिन अंतिम निर्णय विग्रह के माडलों को देखकर लिया जाएगा। यह भी बताया गया कि मूर्तिकारों को यह निर्देशित किया गया है भगवान का स्वर्ण मुकुट एवं तीर-धनुष अलग से बनाकर धारण कराया जाएगा।
अब तक नहीं निकाल पाए बंदरों से बचाव का विकल्प
रामजन्मभूमि परिसर में प्राकृतिक सौंदर्य के लिए लैंडस्केपिंग की योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए हार्टीकल्चर से जुड़ी कई विशेषज्ञ कंपनियां अपना प्रस्तुतिकरण दे चुकी है। बावजूद इसके कोई भी बंदरों के संकट से मुक्ति का उपाय नहीं बता सकी है। तीर्थ क्षेत्र महासचिव कहते हैं कि एक विशेषज्ञ ने बताया कि दो एकड़ क्षेत्रफल को लोहे की जालियों से आच्छादित कर दिया जाए। उनसे जब जालियों पर होने वाले व्यय के बारे में पूछा गया तो वह चुप्पी साध गये।
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