चेहरे पर बाल ही बाल...जीना बेहाल, बीमारी ऐसी कि डर कर लोग मारते पत्थर!
एक 17 साल का लड़का एक सिंड्रोम से पीड़ित है जिसके कारण उसके चेहरे पर इतने अधिक बाल हैं।
माना जाता है कि शरीर पर बाल सर्दी और गरमी से इंसान को बचाने में मदद करता है। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्यों का शरीर झबरे बालों से
Viral news: माना जाता है कि शरीर पर बाल सर्दी और गरमी से इंसान को बचाने में मदद करता है। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्यों का शरीर झबरे बालों से ढंका रहता था। आज के दौर में कुछ लोगों के शरीर पर बहुत बाल होते हैं तो कुछ के शरीर पर बिलकुल भी नहीं। ऐसे में भारत में एक बच्चा ऐसा भी है जिसके चेहरे पर इतने बाल हैं कि उसे देखकर हर कोई भी डर सकता है।
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यह मामला मध्य प्रदेश के छोटे से गांव नंदलेटा का है। जहां का रहने वाला एक 17 साल का लड़का एक सिंड्रोम से पीड़ित है जिसके कारण उसके चेहरे पर इतने अधिक बाल हैं। यह लड़का कौन है और उसे कौन सा सिंड्रोम है जिसके कारण उसके चेहरे पर सामान्य से कई गुना अधिक बाल हैं? तो आइए जानते हैं।
कौन है ये लड़का?
17 साल के इस लड़के का नाम ललित पाटीदार है जो सामान्य परिवार से आते हैं। ललिल अभी बारहवीं क्लास का स्टूडेंट है और परिवार की मदद के लिए खेती भी करता है। ललित, हाइपरट्रिचोसिस या वेयरवोल्फ सिंड्रोम के साथ पैदा हुआ था जो ऐसी स्थिति है जिसमें चेहरे, बाहों और शरीर के अन्य हिस्सों पर बालों की सामान्य से अधिक ग्रोथ होने लगती है।
बच्चे को देख डरते हैं लोग
ललित ने इंटरव्यू के दौरान बताया है कि मैं 17 साल का हूं और स्कूल भी जाता हूं। शुरुआत में छोटे बच्चे और लोग मुझे देखकर डर जाते थे। बच्चों को लगता था कि मैं उन्हें किसी जानवर की तरह काट लूंगा। मेरे माता-पिता ने मुझे बताया कि बचपन से ही मेरे चेहरे-शरीर पर इतने अधिक बाल हैं। मेरे माता-पिता का बोलना है कि मेरे जन्म के बाद डॉक्टर्स ने शेव किया था। जब मैं छह या सात साल का था तब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कुछ समय बाद मैंने ध्यान दिया कि मेरे शरीर पर बाल बहुत अधिक बढ़ रहे हैं। लोग मुझे बंदर-बंदर कहकर चिढ़ाते थे और मुझसे दूर भागते थे।
ललित ने आगे कहा कि जब मैं छोटा था तो लोग मेरे ऊपर पत्थर तक फेंकते थे क्योंकि मैं आम इंसानों जैसा नहीं दिखता। मैं लाखों लोगों में अलग था क्योंकि मेरे पूरे शरीर पर बाल थे। मैं भी आम लोगों की तरह जीना चाहता हूं और खुश रहना चाहता हूं।
हाइपरट्रिचोसिस या वेयरवोल्फ सिंड्रोम
शरीर पर बालों की ग्रोथ की असामान्य स्थिति को हाइपरट्रिचोसिस कहते हैं। हाइपरट्रिचोसिस दो तरह की होती है। एक स्थिति में शरीर के कुछ अंगों पर बाल आते हैं तो दूसरी स्थिति में निश्चित एरिया पर। हाइपरट्रिचोसिस को वेयरवोल्फ सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के शरीर पर अत्यधिक बाल आते हैं। यह सिंड्रोम महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित करता है लेकिन यह काफी दुर्लभ होता है। हाइपरट्रिचोसिस जन्म के बाद या जन्म के पहले भी हो सकती है।
हाइपरट्रिचोसिस का कारण
खबरों के मुताबिक, हाइपरट्रिचोसिस के कारणों को अभी तक समझा नहीं गया है हालांकि यह एक तरह की बीमारी है जो वंशानुगत भी हो सकती है। हाइपरट्रिचोसिस के संभावित कारण कुपोषण, डाइट या ईटिंग डिसऑर्डर जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा, कैंसर, कुछ दवाएं जैसे कि एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड, बाल बढ़ाने वाली दवा मिनोक्सिडिल और साइक्लोस्पोरिन (सैंडिम्यून) आदि इस स्थिति का कारण हो सकता है।
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