पिथौरागढ़: एक साल बाद जब बेटी मिली तो परिजनों के छलकें आंसू...जाने क्या है कहानी

पिथौरागढ़: एक साल बाद जब बेटी मिली तो परिजनों के छलकें आंसू...जाने क्या है कहानी

पिथौरागढ़, अमृत विचार। एक साल बाद जब लापता बेटी का फोन आया तो माता-पिता का खुशी का ठिकाना न रहा। पिथौरागढ़ पुलिस की इस कामयाबी ने छत्तिसगढ़ के एक परिवार में खुशियां लौटाई है। पिथौरागढ़ के पर्यटन स्थल मोस्टामानू में भटक रही मानसिक रूप से कमजोर महिला को जब वीडियो कॉल के जरिए परिजनों को दिखाया तो परिवार के सदस्यों की आंखों से आंसू छलक आए।

परिवार छत्तिसगढ़ से अपनी बेटी को लेने रवाना हो चुका है। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर मोस्टामानू में बीती रात एक महिला को भटकते हुए लोगों ने देखा। महिला पर्वतीय क्षेत्र की नहीं लग रही थी। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। हाइवे पेट्रोल यूनिट तत्काल मौके पर पहुंची। यूनिट में शामिल पुलिस जवानों ने महिला से पूछताछ की तो वह अपने बारे में कुछ नहीं बता पाई।

सुरक्षा की दृष्टि से महिला को कोतवाली स्थित बाल थाने में लाया गया, जहां महिला आरक्षी शांति मेहता और रेखा ने उससे घुलमिलकर बातें की। इस दौरान पता चला कि महिला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रहने वाली है। पुलिस ने तत्काल छत्तीसगढ़ पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया। गुमशुदगी की दर्ज रिपोर्ट देखी गई तो महिला का विवरण धर्मजयगढ़ से एक वर्ष पूर्व लापता हुई महिला के रूप में हुई। छत्तीसगढ़ पुलिस ने महिला के परिजनों का नंबर पिथौरागढ़ पुलिस को दिया।

पिथौरागढ़ पुलिस ने महिला के परिजनों को वीडियो कॉल किया। महिला के पति हबल सिंह राठिया ने अपनी पत्नी विमला राठिया को पहचान लिया। हबल ने बताया कि विमला एक वर्ष पूर्व घर से लापता हो गई थी, तमाम जगहों पर उसकी खोजबीन की गई, लेकिन कोई पता नहीं लग सका। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी वीडियो कॉल पर विमला को देखा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।