मुरादाबाद : महिला अधिकारी के ‘माया’ प्रेम से उड़े होश, पढ़ें पूरी खबर

मुरादाबाद : महिला अधिकारी के ‘माया’ प्रेम से उड़े होश, पढ़ें पूरी खबर

मुरादाबाद,अमृत विचार। कहते हैं, इश्क व मुस्क छिपते नहीं हैं। भ्रष्टाचार के भी कुछ ऐसे ही गुण हैं। भ्रष्टाचार का घुन फिलहाल पुलिस महकमे को नैतिकता व ईमानदारी के पैमाने पर खोखला करने लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि महकमे में नवागत अधिकारी भी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसने से खुद को रोक …

मुरादाबाद,अमृत विचार। कहते हैं, इश्क व मुस्क छिपते नहीं हैं। भ्रष्टाचार के भी कुछ ऐसे ही गुण हैं। भ्रष्टाचार का घुन फिलहाल पुलिस महकमे को नैतिकता व ईमानदारी के पैमाने पर खोखला करने लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि महकमे में नवागत अधिकारी भी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसने से खुद को रोक नहीं पा रहे। ऐसे ही दलदल में फंसी पुलिस महकमे की तीन थ्री स्टार महिला अधिकारी फिलहाल पुलिस महकमे की सुर्खी बन गईं हैं।

यह छिपी बात नहीं कि पुलिस महकमे में वर्षों से भ्रष्टाचार व्याप्त है। पूर्व में कई ऐसे अवसर आए, जब भ्रष्टाचार ने यूपी पुलिस के बड़े अधिकारीके चेहरे पर पड़े पर्दे को एक झटके में हटा दिया। आइपीएस अफसरों तक के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार भ्रष्टाचार के ताजा तरीन उदाहरण हैं। यह अलग बात है कि एक ठेकेदार की मौत ने मणिलाल पाटीदार को बेनकाब कर दिया। मणिलाल पाटीदार जैसे कई भ्रष्ट अफसर अभी भी यूपी पुलिस में मौजूद है।

चौंकाने वाले इस दावे को यदि करीब से समझना हो तो यहां के विभिन्न थानों व सर्किल में तैनात दारोगा व सिपाहियों से व्यक्तिगत बात करें। पर्दे के पीछे की स्याह तस्वीर आईने की तरह साफ हो जाएगी। हालांकि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई मुखर नहीं है। हर पुलिसकर्मी चेहरे व नाम छिपा कर अपने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठा रहे हैं। ऐसे हालात इसलिए संदेह खड़ा करते हैं, क्योंकि पूर्व के दिनों में पुलिसकर्मियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी मुखरता नहीं देखी गई। बहरहाल बात अब उन तीन महिला अधिकारियों की है जिनके अप्रत्याशित बर्ताव ने संबंधित थाने व सर्किल के पुलिसकर्मियों की नींद महीनों से उड़ा रखी है। सूत्रों के दावों पर यकीन करें तो तीनों ही अधिकारी भ्रष्टाचार की देवी बन गई हैं। उन तक आने वाली कोई भी फाइल अथवा वाद बगैर रुपये के निस्तारित नहीं होता।

पर्दे के पीछे रुपये के लेनदेन में सिद्धहस्त बताई जाने वाली तीनों ही देवियों से उनके मातहत त्रस्त हैं। इनका आतंक पुलिसकर्मियों के सिर खौफ बनकर बोल रहा। मानों महिला अधिकारियों ने यह मान लिया है कि उनके हाथ भ्रष्टाचार के घोड़ों की कमान है। वह जब जिस रूप में चाहें दरोगा व सिपाहियों का इस्तेमाल कर सकती हैं। महिला अधिकारियों के हर आदेश को अपनी नियति मान चुके मातहत अब उस दिन का इंतजार करने लगे हैं, जब इनकी छाया से उन्हें मुक्ति मिले। अचरज की बात यह है कि मातहतों के पर्यवेक्षक भी मौन हैं। उन तक तीनों महिला अधिकारियों की करतूतों की भनक तक नहीं है।

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