प्रयागराज: हड़ताल के दौरान न्यायिक कार्यवाही में भाग लेने वाले अधिवक्ता को बार ने किया निलंबित

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायिक भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यायिक बहिष्कार का उल्लंघन करने वाले सदस्यों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए एसोसिएशन ने एक अधिवक्ता की सदस्यता निलंबित कर दी, जो न्यायिक कार्य से विरत रहने के सामूहिक निर्णय के बावजूद अदालत में मामलों की पैरवी करते हुए पाया गया था।
मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के स्थानांतरण के खिलाफ बार एसोसिएशन की बैठक में विरोध प्रदर्शन का प्रस्ताव पारित होने के बाद 26 मार्च 2025 को अधिवक्ता चंदन कोर्ट नंबर 47 में दलीलें पेश करते पाए गए, जब एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके कारण उनकी सदस्यता तत्काल निलंबित कर दी गई। महासचिव विक्रांत पांडेय ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अधिवक्ता को चेतावनी दी कि अगर वह संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में विफल रहते हैं, तो अधिवक्ता के रूप में उनका नामांकन रद्द करने की सिफारिश सहित आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि बार एसोसिएशन ने पहले ही प्रदेश के जिला बार एसोसिएशनों से संपर्क करके अपना विरोध तेज कर दिया था और उनसे न्यायिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करने का आग्रह किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता और एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने 25 मार्च को सभी जिला बार एसोसिएशनों को पत्र लिखकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया था। एसोसिएशन ने 26 मार्च से उग्र विरोध प्रदर्शन के तहत हाईकोर्ट के फोटो एफिडेविट सेंटर को भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। बार ने शपथ आयुक्तों और सरकारी अधिवक्ताओं को चेतावनी दी है कि अगर वे काम करना जारी रखते हैं, तो उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
ये भी पढ़ें- प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट को मिलेंगे दो नए न्यायाधीश, इन नामों पर लगी मुहर