बरेली: बेहिसाब खोदाई कर गहरे गड्ढों को दे दिया अमृत सरोवर का नाम, जानें पूरा मामला

बरेली: बेहिसाब खोदाई कर गहरे गड्ढों को दे दिया अमृत सरोवर का नाम, जानें पूरा मामला

बरेली, अमृत विचार। भोजीपुरा के गांव मिलक अलीनगर के पास निर्माणाधीन अमृत सरोवर में डूबने से तीन बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली हैं। बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत स्तर पर पांच से आठ बीघा में अमृत सरोवर निर्माण के लिए खोदाई की जा रही है, लेकिन खोदाई के आसपास …

बरेली, अमृत विचार। भोजीपुरा के गांव मिलक अलीनगर के पास निर्माणाधीन अमृत सरोवर में डूबने से तीन बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली हैं। बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत स्तर पर पांच से आठ बीघा में अमृत सरोवर निर्माण के लिए खोदाई की जा रही है, लेकिन खोदाई के आसपास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।

गहरी खोदाई की वजह से तीन बच्चों की मौत के बाद भी जिम्मेदारों ने अमृत सरोवर की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। निर्माणाधीन सरोवर ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं। बुधवार को अमृत विचार ने रामनगर, फरीदपुर, नवाबगंज, फतेहगंज पश्चिमी, भुता, कुआंडाडा समेत अन्य स्थानों पर निर्माणाधीन सरोवर का निरीक्षण कराया।

यहां खोदाई होने के साथ भरपूर पानी से भरे सरोवर मिले, लेकिन उसके आसपास सुरक्षा के दृष्टिगत बैरिकेडिंग नहीं मिली, जिससे लोगों को सरोवर में जाने से रोका जा सके। कई स्थानों पर निर्माण कार्य बंद मिला। ठेकेदारों और जिम्मेदारों की लापरवाही ग्रामीणों के साथ उनके जानवरों के लिए खतरा बनी हुई है।

अमृत सरोवर के आसपास सुरक्षा के इंतजाम कराए जाने के संबंध में जिम्मेदारों में सीडीओ का चार्ज संभाल रहे डीडीओ अरुण कुमार से बात करने के प्रयास किए लेकिन न उन्होंने कॉल रिसीव की और न व्हाट्सएप मैसेज का काेई जवाब दिया। डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने छुट्टी पर होना बताया। सीडीओ जग प्रवेश भी 27 अक्टूबर तक अवकाश पर चल रहे हैं।

10-12 फिट गहरा सरोवर, बिना सुरक्षा इंतजाम के नहाते हैं बच्चे
भुता- गांव रिछा में मनरेगा के तहत आठ बीघा में अमृत सरोवर का सौंदर्यीकरण का कार्य अधूरा पड़ा है, जिसकी गहराई करीब 10-12 फिट है। हाल ही में भारी बरसात के कारण इसमें ऊपर तक पानी भरा हुआ है, जिसमें सुरक्षा के लिए न तो इसकी बाउंड्री कराई गई है न यहां पर कोई बैरिकेडिंग की गई। इसमें आसपास गांव के बच्चे रोज नहाने आते हैं। जिम्मेदारों ने भोजीपुरा की घटना से भी सबक नहीं लिया। प्रधान अमित सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि करीब तीन महीने पहले निर्माण कार्य हुआ तब से कार्य बंद पड़ा है।

11 पंचायतों में बने हैं अमृत सरोवर, नहीं है सुरक्षा के इंतजाम
फतेहगंज पश्चिम- विकासखंड क्षेत्र की 11 पंचायतों में अमृत सरोवर बनाए गए हैं। एसीओ राघवेंद्र पांडे ने बताया कि विकास खंड के गांव कुल्चा, तिलयापुर, खजुरिया, खिरका, खानपुर डहिया, पस्तोर, जालिम नगला , बुजिया जागीर, मंसूरगंज ,सोरहा के साथ सेवा ज्वालापुर में मनरेगा के तहत अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण करा दिया है।

यह भी बताया कि अमृत सरोवर के आसपास सुरक्षा को लेकर कोई कार्य नहीं किया है। सुरक्षा के कार्य कराने को जिला स्तर से रोक देने की बात सामने आई। प्रत्येक अमृत सरोवर पर ध्वजारोहण करने को लेकर चबूतरा बनाने के भी निर्देश मिले थे। बाद में सरोवर पर चबूतरा भी बनाया गया है।

209 परेवा कुर्मियान के कठुआला में बना अमृत सरोवर
नवाबगंज-
ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया है। बेमौसम बरसात के बाद निर्माणाधीन अमृत सरोवर पानी से लबालब हैं। अधिकांश अमृत सरोवरों का पानी तटबंध को तोड़ता नजर आ रहा है। अमृत सरोवरों में सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

ब्लॉक के जिम्मेदारों की मानें तो अमृत सरोवरों का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। वहीं एसडीएम राजीव कुमार शुक्ल ने बताया कि ब्लॉक अधिकारियों को अमृत सरोवरों पर सुरक्षा की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करने के साथ ही संकेतांक लगवाने के निर्देश दिए हैं ताकि जिससे कोई अप्रिय घटना न हो सके।

अमृत सरोवर में भरा है तीन से चार फिट पानी
रामनगर- विकासखंड की पल्था, रेवती, पट्टी कुर्की, हरदासपुर समेत 16 ग्राम पंचायतों का अमृत सरोवर के लिए चयन किया गया था। कुछ ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य चल रहा है। पल्था में सिरौली रोड पर अमृत सरोवर का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है, जिसकी गहराई करीब 7-8 फीट है।

हाल में हुई बरसात के कारण इसमें तीन चार फीट तक पानी भरा हुआ है। अमृत सरोवर कार्य भी धन के अभाव में अधूरा पड़ा है। इसकी बाउंड्री भी नहीं कराई गई है। न ही बैरिकेडिंग की गई हैं। जबकि गांव के बच्चे सरोवर में नहाते देखे जाते हैं। ग्रामीण भी जानवरों को पानी पिलाने लेकर जाते रहते हैं। सुरक्षा के इंतजाम न होने के कारण हादसे का डर बना हुआ है। गांव के प्रधान सुधीर कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले अमृत सरोवर का निर्माण शुरू कराया गया था , लेकिन अभी तक निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है।

अधूरे पड़े हैं अमृत सरोवर, कोई नहीं ले रहा सुध
फरीदपुर-
ग्राम पंचायत मझौआ हेतराम में आठ बीघा में बने तालाब को अमृत सरोवर का रूप देने का कार्य चल रहा है, इसकी दो मीटर गहराई है। एक महीने से कार्य बंद है। ग्राम पंचायत इनायतपुर में लगभग 10 फीट गहराई का अमृत सरोवर का निर्माण चल रहा है। यहां अमृत सरोवर में पानी नहीं रुकता है। रोजगार सेवक के अनुसार बड़ी ग्राम पंचायतों में मोटी रकम सेशन की जाती है, जबकि यह छोटी ग्राम पंचायत है, जिसमें सिर्फ 7 लाख रुपये अमृत सरोवर के लिए स्वीकृत किए हैं। जिसमें लगभग 5 से 6 लाख कच्चे में ही लग जाएंगे, बाकि निर्माण कार्य के लिए और धन की जरूरत पड़ेगी।

विधायक बोले- सरोवर की गहराई मानकों से अधिक, दोषियों पर होगी कार्रवाई
गांव मिलक अलीनगर में मंगलवार की दोपहर निर्माणाधीन अमृत सरोवर में डूबकर हुई तीन बच्चों की मौत से ग्रामीण सदमे में हैं। जिनके कलेजे के टुकड़े सरोवर में डूब गए उन मां-बाप पर दुखों का पहाड़ टूटा है। बुधवार को क्षेत्रीय विधायक डा. एमपी आर्य मृतक बच्चों के घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।

इसके साथ अमृत सरोवर पहुंचकर घटनाक्रम का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को हादसे के लिए दोषियों पर कार्रवाई करने के साथ ही पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता राशि दिलाने के निर्देश दिए। विधायक डा. एमपी आर्य ने बताया कि अमृत सरोवर से ही मिट्टी की खोदाई हुई, इससे गहरा गड्ढा होने के साथ सरोवर की गहराई भी मानकों से अधिक हाे गई। एसडीएम नवाबगंज को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

बजट में नहीं अमृत सरोवर के आसपास सुरक्षा कराने के इंतजाम
मीरगंज-
यहां 24 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला है। जिनमें से 12 अमृत सरोवर पर कार्य चल रहा है। बरसात होने की वजह से कार्य रुक गया है। स्टीमेट के अनुसार बैरिकेडिंग और सुरक्षा दीवार बनती हैं। यदि स्टीमेट में सुरक्षा दीवार या बैरिकेडिंग दी गई है तो जरूर बनेगी।

वर्तमान में जो स्टीमेट शासन से दिया गया उसमें बैरिकेडिंग या सुरक्षा दीवार नहीं है। जो 12 अमृत सरोवर बन रहे हैं, उसमें चारों तरफ का रनिंग पैड दिया गया है। जो तीन मीटर का ऐसा प्लेटफार्म है जिसमें कोई भी व्यक्ति आसानी से चल सके। अमृत सरोवर का मॉडल स्टीमेट का 18 लाख रुपये का है, जो कि मनरेगा से बन रहा है। उपरोक्त जानकारी बीडीओ कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर ने बताई है।

दो माह में सरोवर का निर्माण हो गया क्षतिग्रस्त
कुआंडाडा- ग्राम फैज नगर में दो माह पहले अमृत सरोवर बनाया गया। कई बीघा में बनाए गए सरोवर के पास पक्का निर्माण भी कराया गया, लेकिन बारिश होने से पक्का निर्माण क्षतिग्रस्त हो गया। वर्तमान में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। बैरिकेडिंग भी नहीं है। नजदीक से रास्ता चल रहा है। लोगों को गिरने का खतरा रहता है।

पुरनापुर में अमृत सरोवर, सुरक्षा के इंतजाम गायब
बिथरी चैनपुर- ब्लॉक में 49 अमृत सरोवर बनने हैं। अब तक सिर्फ 2 ही बने हैं, उनमें भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। तालाब के चारों दीवार नहीं है। जिससे गिरने का खतरा है।


पुरनापुर में बने अमृत सरोवर में सुरक्षा के इंतजाम भी गायब है। जबकि 47 में काफी काम अधूरा है। उच्चाधिकारियों ने 31 मार्च तक अमृत सरोवर का कार्य पूरा करने के आदेश दिए हैं। बीडीओ बीके शर्मा ने बताया कि अदलखिया और पुरनापुर में अमृत सरोवर बने हैं। बारिश होने से पहले कई का कार्य शुरू कराया गया था।

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