मथुरा: हवन यज्ञ से वातावरण के साथ जातकों का अंतःकरण भी हो जाता है शुद्ध- ऋचा योगमई

मथुरा: हवन यज्ञ से वातावरण के साथ जातकों का अंतःकरण भी हो जाता है शुद्ध- ऋचा योगमई

कोसीकलां, अमृत विचार। आर्यनगर स्थित आर्यसमाज धर्मशाला में चल रहे समाज के 84वें वार्षिकोत्सव में शनिवार की सुबह आर्य विद्वानों ने ‘हवन यज्ञ क्यों जरूरी है’ पर प्रकाश डाला। वहीं शाम की सभा में विद्वानों ने सुखी गृहस्थ के आधार पर प्रकाश डाला। ये भी पढ़ें- मथुरा: CDO के निरीक्षण में दो कर्मचारी मिले अनुपस्थित, …

कोसीकलां, अमृत विचार। आर्यनगर स्थित आर्यसमाज धर्मशाला में चल रहे समाज के 84वें वार्षिकोत्सव में शनिवार की सुबह आर्य विद्वानों ने ‘हवन यज्ञ क्यों जरूरी है’ पर प्रकाश डाला। वहीं शाम की सभा में विद्वानों ने सुखी गृहस्थ के आधार पर प्रकाश डाला।

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विद्वानों ने हवन यज्ञ का मतलब समझाते हुए कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है। साथ ही यज्ञ में दी गई आहूतियों और प्रज्जवलित अग्नि से हवन यज्ञ करने वाले जातकों का अंतःकरण भी शुद्ध हो जाता है। जिससे व्यक्ति की मानसिक शक्ति तो सुदृढ़ होती है, साथ ही मनुष्य शरीर के अंदर मौजूद विषाणुओं का भी नाश होता है।

वहीं, शाम की सभा में विद्वानों ने सुखी गृहस्थ जीवन के आधार पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम ऋषि मुनियों द्वारा बनाई गई परंपराओं से विरत हो गए हैं। संयुक्त परिवार खत्म हो रहे हैं। इसका खामियाजा मंहगाई के रूप में तो झेलना पड़ रहा है, साथ ही बच्चें भी संस्कार विहीन हो रहे हैं। इस दौरान आर्यसमाज के प्रधान डॉ. अमर सिह पोनियां, मंत्री नरेन्द्र आर्य, ऋचा योगमई, ओमप्रकाश, आचार्य चंद्रदेव शास्त्री, मोहित शास्त्री, संजय यागिक आदि मौजूद रहे।

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