जावेद अख़्तर की कलम से… ज़रा सी बात जो फैली तो दास्तान बनी

जावेद अख्तर उर्दू गजलों के मशहूर नामों में से एक हैं और उन्होंने कई फिल्मी गीत भी लिखे हैं। पेश हैं जावेद अख्तर की गजलों से मशहूर शेर… ज़रा सी बात जो फैली तो दास्तान बनी वो बात ख़त्म हुई दास्तान बाक़ी है यह भी पढ़ें- सौभाग्य न सब दिन होता है, देखें आगे क्या …
जावेद अख्तर उर्दू गजलों के मशहूर नामों में से एक हैं और उन्होंने कई फिल्मी गीत भी लिखे हैं। पेश हैं जावेद अख्तर की गजलों से मशहूर शेर…
ज़रा सी बात जो फैली तो दास्तान बनी
वो बात ख़त्म हुई दास्तान बाक़ी है
यह भी पढ़ें- सौभाग्य न सब दिन होता है, देखें आगे क्या होता है – रामधारी सिंह दिनकर
बंध गई थी दिल में कुछ उम्मीद सी
ख़ैर तुम ने जो किया अच्छा किया
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था
अब मैं कोई और हूँ वापस तो आ कर देखिए
अक़्ल ये कहती दुनिया मिलती है बाज़ार में
दिल मगर ये कहता है कुछ और बेहतर देखिए
तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया
तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया
तू ने ढाला है और ढले हैं हम
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना
हम तो ख़ैर कर लेंगे ज़िंदगी बसर तन्हा
ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना
बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा
हमारे दिल में अब तल्ख़ी नहीं है
हमारे दिल में अब तल्ख़ी नहीं है
मगर वो बात पहले सी नहीं है
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