संपादकीय: अर्थव्यवस्था की रीढ़

दुनिया के राजनीतिक परिदृश्य पर भारत की बढ़ती महत्ता को प्रतिष्ठापित करने और मजबूत करने के साथ ही सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश के रूप में खड़ा करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए विमर्श को अधिक व्यापक एवं सार्थक होना आवश्यक है। कृषि के क्षेत्र में भी वैज्ञानिकों ने उल्लेखनीय अनुसंधान किए हैं, जो आज देश-दुनिया के काम आ रहे हैं। एक समय था जब हम दुनिया से सीखना चाहते थे लेकिन आज कृषि क्षेत्र में दुनिया भारत से सीखना चाहती है।
सोमवार को गेट्स फाउंडेशन के बिल गेट्स ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कृषि व ग्रामीण विकास के विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा के बाद कहा कि भारत में हो रहा कृषि अनुसंधान श्रेष्ठ है जिससे बाकी दुनिया को भी फायदा हो सकता है। वास्तव में कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पिछले दशक में कृषि क्षेत्र में भारत की औसत वार्षिक वृद्धि 4 प्रतिशत से अधिक रही है। वैश्विक कृषि भूमि व स्वच्छ जल संसाधनों का 4 प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद, भारत दुनिया की 18 प्रतिशत मानव आबादी व 15 प्रतिशत पशुधन को खाद्य सुरक्षा प्रदान करता है।
कृषि क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है, लेकिन अभी बहुत सारी चुनौतियां कृषि के समक्ष हैं, जिनकी पहचान करते हुए उनके समाधान की दिशा में काम करना एवं कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को और बल देने वाला बनें, इस दिशा में ज्यादा विमर्श होना चाहिए। जानकारों के मुताबिक भारत व गेट्स फाउंडेशन के बीच साझेदारी को और गहरा करने की असीम संभावनाएं हैं, विशेषकर डिजिटल कृषि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक्नोलॉजी एवं जलवायु अनुकूलित कृषि तकनीकों के क्षेत्र में। हमारे कृषि उत्पादों की अहमियत दुनिया में बढ़ी है। हमारे उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी रहे, यह जिम्मेदारी सबकी है। इस क्षेत्र में जो कमियां एवं खाई है उन्हें पाटने की जरूरत है, साथ ही विद्यमान अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करते हुए इस बात पर विचार करना है कि भारत कृषि क्षेत्र में श्रेष्ठता कैसे हासिल कर सकता है।
अब परंपरागत कृषि से आगे बढ़कर योजनाबद्ध ढंग से काम करने की जरूरत है। तकनीक में अभी भी असीम संभावनाएं हैं। हम विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में तकनीकी सहयोग की अपेक्षा रखते हैं और गेट्स फाउंडेशन के साथ इस दिशा में कार्य करने के इच्छुक हैं। बातचीत की सार्थकता इसी में है कि कृषि क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए सब मिलकर काम करें क्योंकि तकनीकों से पारस्परिक लाभ प्राप्त करते हुए कृषि क्षेत्र सहित देश को लाभ दिलाना हमारा उद्देश्य है।