गैर-भाजपा दलों को एकजुट करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे हैं प्रयास: पवार 

गैर-भाजपा दलों को एकजुट करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे हैं प्रयास: पवार 

ठाणे/मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि आम राय बनाने के लिए गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और वह अपनी उम्र के कारण कोई जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते हैं। ठाणे में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने …

ठाणे/मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि आम राय बनाने के लिए गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और वह अपनी उम्र के कारण कोई जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते हैं। ठाणे में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उनकी सरकार ने 2014 के बाद से ‘अच्छे दिन’ लाने, इंटरनेट के जरिए गांवों को जोड़ने और प्रत्येक घर को शाौचालय, पानी तथा बिजली उपलब्ध कराने समेत अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया।

पवार ने कहा कि भाजपा का मकसद केवल छोटे दलों को सत्ता से बाहर करना है। ठाणे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने तथा भाजपा के खिलाफ जनमत तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।’’ पवार (81) ने कहा कि वह उम्र के इस पड़ाव पर कोई जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ जनमत पैदा करने के लिए गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने में मदद करूंगा।’’

पवार ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार ने 2014 के आम चुनाव के समय से कई वादे किए, लेकिन पूरा एक भी नहीं किया। प्रधानमंत्री ने देश के हर एक नागरिक को मकान देने का वादा किया था, लेकिन सरकार उसे पूरा नहीं कर पाई। अब 2024 तक पांच हजार डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का नया वादा किया गया है।’’ राकांपा प्रमुख ने भाजपा की आलोचना करते हुए दावा किया कि वह सत्ता में आने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अपने विरोधियों के खिलाफ जो कर रही है, वह कुछ नहीं बल्कि संसदीय लोकतंत्र पर एक हमला है, जो गंभीर चिंता का विषय है। सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों में वह विधायकों को तोड़ने तथा सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र ताजा उदाहरण है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा केरल और आंध्र प्रदेश में नाकाम हो गयी है। गौरतलब है कि इस साल जून में शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार गिर गई थी।

इसके बाद शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पवार ने कहा कि भाजपा विपक्षी नेताओं को डराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रही है। राकांपा के दो नेता अनिल देशमुख और नवाब मलिक अभी जेल में हैं।

धन शोधन के अलग-अलग मामलों में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। राकांपा नेता ने पूछा, ‘‘आप कल्पना कर सकते हैं कि सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग ने अनिल देशमुख और उनके रिश्तेदारों के आवास पर रिकॉर्ड 110 छापे मारे?’’ उन्होंने अनिल देशमुख के मामले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘शुरुआत में एजेंसियों ने 100 करोड़ रुपये की निधि के दुरुपयोग का दावा किया, बाद में उन्होंने इसे 4.07 करोड़ कर दिया और अब वे कह रहे हैं कि यह महज 1.71 करोड़ रुपये की निधि का मामला है।

अदालत में इन सबका पर्दाफाश हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक तथा शिवसेना के संजय राउत को जेल में डाल दिया गया, क्योंकि वे अपने-अपने दलों की तरफ से बोलते थे। शिवसेना के चुनावी चिह्न पर पार्टी के दो धड़ों के बीच टकराव के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग के समक्ष लंबित यह मामला जल्द ही सुलझ सकता है। एक सवाल के जवाब में पवार ने गुजरात सरकार की क्षमादान नीति के तहत बिल्कीस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई को ‘‘शर्मनाक’’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को महिलाओं के सम्मान के बारे में जो कहा था, यह फैसला उसके विपरीत है। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी गलत थी। उल्लेखनीय है कि गुजरात पुलिस ने 2022 के दंगों के मामले में झूठे साक्ष्य देने के आरोप में सीतलवाड़ को जून में गिरफ्तार किया था।

पवार ने कहा कि राकांपा नेता पार्टी के काम की समीक्षा करने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। उन्होंने इस पर हैरानी जतायी कि भाजपा नेताओं को विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों की आसन्न कानूनी कार्रवाई का अनुमान कैसे लग जाता है।

ये भी पढ़ें – ममता के रिश्तेदारों की बढ़ती संपत्ति की जांच के लिए जनहित याचिका दायर

ताजा समाचार