प्रयागराज: धारा 156 के तहत दाखिल अर्जी खारिज होने के बाद दोबारा दाखिल नहीं की जा सकती- इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: धारा 156 के तहत दाखिल अर्जी खारिज होने के बाद दोबारा दाखिल नहीं की जा सकती- इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ के एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 156(3) के तहत दाखिल अर्जी सुनवाई योग्य नहीं मानी जाएगी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की एकलपीठ ने ब्रह्मपाल सिंह उर्फ ब्रह्म प्रकाश शर्मा और 6 अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया। 

कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मथुरा और सीजेएम, मथुरा के आक्षेपित आदेशों को अवैध कर देते हुए रद्द कर दिया और जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पक्षकारों को सुनने के बाद मामले पर नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया। कोर्ट का मानना है कि धारा 156(3) के तहत दाखिल अर्जी के खारिज होने के बाद संबंधित धारा के तहत दोबारा दाखिल अर्जी सुनवाई योग्य नहीं मानी जाती। 

मामले के अनुसार शीला देवी ने गौतमबुद्ध नगर में नियुक्त पुलिस अफसरों पर फर्जी मुठभेड़ में उनके बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया और सीजेएम, मथुरा की कोर्ट में धारा 156(3) के तहत अर्जी दाखिल की, लेकिन मजिस्ट्रेट ने अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद याची ने दोबारा संबंधित धारा के तहत अर्जी दाखिल की, जिस पर विस्तृत आदेश पारित करते हुए मजिस्ट्रेट ने फिर से अर्जी खारिज कर दी। उक्त आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी सत्र अदालत में दाखिल की गई। 

सत्र अदालत ने एकपक्षीय आदेश सुनकर अपना निर्णय देते हुए सीजेएम को धारा 156(3) के तहत दाखिल अर्जी फिर से तय करने का आदेश दिया, जिस पर मजिस्ट्रेट ने एसएसपी, मथुरा को प्राथमिकी दर्ज कराकर सीओ रैंक के अधिकारी से विवेचना कराने का आदेश दिया। उक्त विवेचना की वैधता को चुनौती दी गई।

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